http://ojwal.blogspot.com/2021/01/by-vnita-kasnia-punjab-5-lakh-su-3-5-51.html January 09, 2021 Read more
मोहन_की_रूपमाधुरी By वनिता कासनियां प्रदेशाध्यक्ष पंजाब💕🌱सूरदासजी कहते हैं कि गोपियां मोहन के एक-एक अंग पर बलिहारी जाती हैं। यथा–मैं बलि जाउँ स्याम मुख छवि पै। बलि बलि जाउँ कुटिल कच विथुरे,बलि भ्रकुटि लिलाट पै।।बलि बलि जाउँ चारु अवलोकनि,बलि बलि कुंडल रवि की। बलि बलि जाउँ नासिका सुललित,बलिहारी वा छवि की।।बलि बलि जाउँ अरुन अधरनि की,बिद्रुम बिंब लजावन। मैं बलि जाउँ दसन चमकन की,वारौं तड़ितनि सावन।।मैं बलि जाउँ ललित ठोड़ी पै,बलि मोतिन की माल। सूर निरखि तन मन बलिहारौं,बलि बलि जसुमति लाल।। सूरदासजी कहते हैं–गोपियां आपस में कह रही हैं, ‘सखी ! जब से यह नंदनंदन की शोभा देखी है तब से विधाता बड़ा ही निष्ठुर दिखाई पड़ रहा है। नंदनंदन के नेत्र, नासिका, वाणी, कान, नख, अंगुली, बाल, ललाट सब इतने सुन्दर हैं कि हमारे प्रत्येक रोम में वह आंखें देता तब कहीं ऐसे सुन्दर श्रीकृष्ण को देखते बनता। जैसे समुद्री जहाज के कौवे को थक जाने पर किनारा नहीं मिलता, वैसे ही मेरे मन का पता नहीं कि वह श्रीकृष्ण के किस अंग में मग्न हो गया है, उसे मैं ढूंढ कर हार गयी, पर पा न सकी। श्रीकृष्ण की शोभा का वर्णन कहां तक करूँ, उसे तो देखते ही बुद्धि कुण्ठित हो जाती है।’स्याम सुख रासि, रस रासि भारी। रूप की रासि, गुन रासि, जोवन रासि,थकित भइँ निरखि नव तरुन नारी।।सील की रासि, जस रासि, आनँद रासि,नील नव जलद छवि बरन कारी। दया की रासि, विद्या रासि, बल रासि,निरदयाराति दनु कुल प्रहारी।।चतुरई रासि, छल रासि, कल रासि, हरि,भजै जिहि देत तिहि दैनहारी। सूर प्रभु स्याम सुख धाम पूरन काम,बसन कटि पीत मुख मुरलि धारी।। एक गोपी कहती है–सखी ! श्यामसुन्दर सुख की राशि हैं और आनन्द की भी महान राशि हैं। वे रूप की राशि हैं; गुण की राशि हैं; यौवन की राशि हैं; उन्हें देखकर ब्रज की स्रियां मोहित हो गयी हैं। वे शील की राशि हैं; यश की राशि हैं; आनन्द की राशि हैं; नवीन श्याममेघ के समान उनका सुन्दर वर्ण है। वे दया की राशि हैं; विद्या की राशि हैं; बल की राशि हैं; वे शत्रुओं व दानवों के कुल को नष्ट करने वाले हैं। वे चतुरता की राशि हैं; छल-कौशल की राशि हैं; कला की राशि हैं; जो उनको जैसे भजता है, वे उसे वही देने वाले हैं। श्रीश्यामसुन्दर सुख के धाम व पूर्णकाम हैं, कमर में पीताम्बर पहिने और मुख पर मुरली धारण किए हैं।श्यामसुन्दर छोटे से कहे जाते हैं पर उनका तनिक-सा दृष्टिपात करते ही समस्त लोकों की सृष्टि हो जाती है; इनका तनिक-सा सुयश सुनने से ही प्राणी परमपद को पा जाता है; तनिक-सा प्रसन्न होते ही ये अपने-आप को दे देते हैं; तथा तनिक-सा देखकर ही मन को मोह लेते हैं अत: इन्हें मनमोहन भी कहते हैं। हे मनमोहन ! कृपा करके हमें तनिक-सी शरण दे दीजिए।बांकेबिहारी की बांकी मरोर, चित लीना है चोर। बांके मुकुट उनके कुण्डल विशाल, हीरों का हार गल मोतियन की माल।बांके ही पटके का लटकै है छोर, चित लीना है चोर। मुदड़ी जड़ाऊ जवाहरात की, बांकी लकुटिया हरे बांस की।बांके पीताम्बर की झलकै है कोर, चित लीना है चोर। कमलों से कोमल हैं तेरे चरण, सांवली सूरत मनोहर फवन।भक्तों से प्रीत जैसे चन्दा चकोर, चित लीना है चोर। बांकी है झांकी औ बांकी अदां, भक्तों के कारज सुधारें सदां।दीन दुखियों की सुनते निहोर, चित लीना है चोर।।🌱💕 जय श्री राधे~राधे कृष्णा 💕🌱🍁🌱🍁🙏🍁🌱🍁, December 23, 2020 Read more
कान्हा रात्रि जी🌠✨🌠 मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे कभी सोये कभी जागे कान्हा जी हमारे मैया यशोदा जी के राज दुलारे, मैया यशोदा कान्हा को लोरी सुनावे रे, Vnita kasnia Punjab मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे कान्हा की अंखियो में तो नींद नही आती सोने को मैया यशोदा प्यार से मनाती मैया यशोदा को कान्हा जी इतना सतावे जी मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे झूले से उतरे कान्हा बाँहों में वो आये चन्दन का झुला मेरे श्याम को न भाये मैया यशोदा गोदी में अपने सुलावे रे मैया की गोदी में फिर कान्हा जी झट से सो जावे रे मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे🌠✨🌠 December 20, 2020 Read more
💕शुभ संध्या बेला की प्रेम भरी राधे राधे 💕 🌹🌷अधरन पर मुरली सजे,🌷🌹 🌿चक्र सुदर्शन हाथ🌿 🦚मोर मुकुट सजे शीश पर,🦚 🙏तू ही जग का नाथ🙏 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 🌀 कभी ना डूबे बीच मझधार🌀 🌹💕🌹जिसके सिर पे हो तेरा हाथ🌹💕🌹 🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃 💕🌹जीवन की पतवार हमारी,💕🌹 🌼थामों कृष्ण मुरार🌼 🌹🙏🌹हे मुरलीधर, हे गिरधारी,🌹🙏🌹 💞🌷💕बाँके कुँज बिहारी लाल💞🌷💕 राधे राधे🙇🏻♂️ 🍃🍂जय जय श्री राधेकृष्ण🍂🍃 December 20, 2020 Read more
. एक ऐसी निरापराध स्त्री की कथा, जिसे कष्ट और श्राप मुक्त करने के लिये भगवान को भी करना पड़ा अपने युगों के क्रम में परिवर्तन, और लेना पड़ा श्रीराम अवतार:- "अहिल्या" ब्रह्माजी ने अपने तपोबल से एक अत्यंत रूपमती स्त्री की रचना की। उसका नाम ब्रह्मा जी ने अहिल्या (जिसमें कोई भी हिल्य "कमी" न हो) रखा। अहिल्या का रूप इतना सुन्दर था कि उसके आगे स्वर्ग की सभी अप्सराएँ भी कुछ नहीं थीं। उसे देख कर हर कोई मोहित हो जाये। सभी देव उससे विवाह करने को आतुर थे। देवराज इन्द्र की इच्छा थी कि वह रूपवान स्त्री अहिल्या उनके देवलोक की अप्सरा बने। अहिल्या ब्रह्मा जी की मानस पुत्री थी इसलिए उन्होंने उसके विवाह के लिए एक प्रतियोगिता रखी जिसमें गौतम ऋषि विजयी हुये। अतः ब्रह्मा जी ने विधिवत अहिल्या का विवाह ऋषि गौतम से कर दिया। अहिल्या एक पतिव्रता स्त्री थी। वह गौतम ऋषि के साथ उनके आश्रम में अपना जीवन ऋषि सेवा में व्यतीत करने लगी। देवराज इन्द्र अहिल्या के रूप पर इतना अधिक मोहित थे कि उन्होंने चन्द्र देव के साथ मिलकर एक कुटिल योजना बना ड़ाली। गौतम ऋषि प्रातःकाल मुर्गे की पहली बाँग की आवाज पर उठ कर मंगलाचरण के लिये गंगा नदी के तट पर चले जाते थे। ऋषि की इसी दिनचर्या को देखते हुए इन्द्र ने चन्द्र देव को मुर्गे के रूप में गौतम ऋषि के द्वार पर बाँग देने के लिए वाध्य किया। मुर्गे की बाँग की आवाज सुन गौतम ऋषि अपनी नित्य की दिनचर्चा की तरह उठ कर गंगा नदी के तट की ओर चल दिये किन्तु जब वे गंगा जी के तट पर पहुंच गये जैसे ही स्नान के लिए वे गंगा जी में प्रविष्ट होने लगे तो उन्होंने पाया की गंगा मईया अभी निंद्रा में हैं, तो वेकिसी अनिष्ट की आशंका से पुनः आश्रम की ओर लौट आये। इधर गौतम ऋषि के जाने के उपरांत इन्द्र ने गौतम ऋषि का वेश धारण कर लिया तथा निन्द्रालीन अहिल्या के पास जाकर उनका शील भंग कर दिया। गौतम ऋषि जब पुनः आश्रम में लौट कर आये तो उन्होंने मुर्गे के रूप में चन्द्रमा को छिपे पाया, जिसके असमय बाँग देने के लिए उन्होंने अपना गीला वस्त्र उस पर दे मारा। वस्त्र लगते ही चन्द्रमा वहाँ से भाग गये। गौतम ऋषि के गीले वस्त्र के निशान आज भी चन्द्रमा पर देखे जा सकते हैं। चन्द्रमा को भगाने के उपरांत गौतम ऋषि अन्दर कुटिया में गये तो वहाँ इन्द्र को उन्होंने अपने वेश में अहिल्या के पास पाया। जिससे गौतम ऋषि का क्रोध सभी सीमायें पार कर गया। उन्होंने तुरन्त ही इन्द्र को शाप दे दिया, कि जिस कामाग्नि ने द्रवित होकर तूने यह कृत्य किया है आज से तू हजार लिंगी हो जा। आज के बाद यह कार्य तू कभी नहीं कर सकेगा और देवराज होने के बाद भी कहीं तेरी पूजा ना होगी। निन्द्रा से जाग चुकी अहिल्या को भी अपने साथ हुए छल का आभास हो गया वह क्षमा याचना के लिए गौतम ऋषि के चरणों में गिर पड़ी किन्तु गौतम ऋषि का क्रोध शान्त नहीं हुआ था उन्होंने अहिल्या को भी क्षमा नहीं किया। उन्होंने अहिल्या से कहा तूने एक स्त्री होते हुए भी इन्द्र के साथ सहयोग कर एक पाषाण (पत्थर) रूपी कृत्य किया है, (ऋषि के रूप में इन्द्र को न पहचान पाने का अपराध) तो तू भी अभी से पाषाण रूप हो जा। अहिल्या निरापराध होते हुए भी उसी समय और उसी मुद्रा में एक पत्थर के रूप में परिवर्तित हो गई। इन्द्र के इस अत्यंत अशोभनीय कृत्य ने पूरे देव लोक को हिला कर रख दिया। सभी देवताओं को अहिल्या के साथ हुए इस अनैतिक कार्य पर शर्मिंदगी हुई। और सभी देव गौतम ऋषि के पास आकर निरापराध अहिल्या को क्षमा करने की विनती करने लगे। ऋषि का दिया शाप वापस तो नहीं हो सकता किन्तु जब गौतम ऋषि को क्रोध शांत हुआ तो उन्होंने इस शाप से मुक्त होने का उपाय देवताओं को बताया। अहिल्या जल्द-से-जल्द शाप मुक्त हो और गौतम ऋषि द्वारा बताये गये शाप के निवारण के लिये सभी देव एकजुट हो भगवान् विष्णु के पास गये और उन्हें पूरी व्यथा कह सुनाई। तथा भगवान् विष्णु से अहिल्या के उद्धार की प्रार्थना की। त्रेता युग में भगवान् विष्णु ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में अवतार लिया। महर्षि विश्वामित्र ताड़का नामक राक्षसी के वध के लिए अयोध्या से श्रीराम एवं लक्ष्मण जी को साथ ले गये थे। ताड़का के वध के उपरांत जब वे यज्ञ के लिए आश्रम की ओर प्रस्थान कर रहे थे तो रास्ते में एक सुनसान पड़े आश्रम पर प्रभु श्रीराम की दृष्टि पड़ी जिसके बारे में उन्होंने महर्षि से जानना चाहा तो महर्षि ने बताया कि यह ऋषि गौतम का आश्रम है, तथा अहिल्या के साथ हुई घटना का पूरा वृतांत भी बताया।तथा अहिल्या के उद्धार के लिये बताये गये उपाय का भी वर्णन किया कि " गौतम ऋषि ने अहिल्या के उद्धार का उपाय यह बताया था कि जब भगवान् विष्णु स्वयं मर्यादा पुरूषोत्तम के रूप में आकर तुम्हें स्पर्श करेंगे तब तुम इस शाप से मुक्त हो कर उनके पास पुनः आ सकोगी तथा तभी हजार लिंगी इन्द्र भी हजार नेत्री हो जायेंगे।" सारा वृतांत सुनाने के उपरांत महर्षि ने प्रभु श्रीराम से निरापराध कष्ट भोग रही अहिल्या को स्पर्श कर उसका उद्धार करने को कहा। प्रभु श्रीराम के स्पर्श मात्र से ही अहिल्या पुनः स्त्री रूप में आ गयी तथा प्रभु श्रीराम को प्रणाम कर देवलोक में ऋषि गौतम के पास चली गयीं। तथा उसी समय हजार लिंगी इन्द्र भी हजार नेत्री हो गये इन्द्र को सहस्त्र नेत्री भी कहा जाता है। यह थी एक निरापराध स्त्री अहिल्या की कथा जिसके उद्धार के लिए भगवान् श्रीहरि विष्णु को मर्यादा पुरूषोत्तम के रूप में अवतार लेना पड़ा था। भगवान् श्रीराम के अवतार के अनेक कारणों में से "अहिल्या उद्धार" भी एक प्रमुख कारण था। अहिल्या की कथा सदा ही विवादों से ग्रसित रही है, किन्तु यहाँ इस कथा का मंतव्य किसी विवाद को बढ़ावा देने का नहीं है अपितु मंतव्य सिर्फ यह है कि अपराध चाहे इन्द्र का हो या ऋषि गौतम के क्रोध का किन्तु सजा मिली निरापराध स्त्री अहिल्या को युगों तक पाषाण बन कर रहने की। जिसका निवारण करने के लिये स्वयं भगवान् विष्णु को युगों के चक्र में परिवर्तन करके त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अवतार लेना पड़ा। ----------:::×:::---------- लेखनी: -By Vnita Kasnia punjab "जय श्रीराम"******************************************** "श्रीजी की चरण सेवा" की सभी धार्मिक, आध्यात्मिक एवं धारावाहिक पोस्टों के लिये हमारे , December 19, 2020 Read more
ਗੂਗਲ ਦੀਆਂ ਇਹ 5 ਮਨੋਰੰਜਨ ਚਾਲ ਹਨ, ਇਕ ਵਾਰ ਟਰਾਈ ਅਜ਼ਮ ਗੂਗਲ ਸਿਰਫ ਕੁਝ ਖੋਜ ਕਰਨ ਲਈ ਨਹੀਂ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ, ਪਰ ਤੁਹਾਨੂੰ ਇੱਥੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਮਿਲਣਗੀਆਂ ਜੋ ਬਹੁਤ ਲਾਭਦਾਇਕ ਸਾਬਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ. ਇੱਥੇ ਅਸੀਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੂਗਲ ਦੀਆਂ 5 ਮਜ਼ੇਦਾਰ ਚਾਲਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸਣ ਜਾ ਰਹੇ ਹਾਂ ਜੋ ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਪਸੰਦ ਆਉਣਗੀਆਂ. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਤ ਮਿਤੀ:ਠੁ, 17 ਦਸੰਬਰ 2020 ਸਵੇਰੇ 09: 15 ਵਜੇ (IST)ਲੇਖਕ: ਰੇਨੂੰ ਯਾਦਵ ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ, ਟੈਕ ਡੈਸਕ. ਇੰਟਰਨੈਟ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਇੰਨੀ ਆਮ ਹੋ ਗਈ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਿਸ਼ੇ 'ਤੇ ਇੰਟਰਨੈਟ ਦੀ ਖੋਜ ਕਰਦੇ ਹਾਂ. ਕਿਉਂਕਿ ਇੱਥੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਿਰਫ ਇੱਕ ਕਲਿੱਕ ਵਿੱਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਾ ਭੰਡਾਰ ਮਿਲਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਣ ਭੂਮਿਕਾ ਗੂਗਲ ਦੀ ਹੈ. ਭਾਵੇਂ ਕੁਝ ਵੀ ਲੱਭਣਾ ਹੈ ਜਾਂ ਮੰਜ਼ਿਲ ਦੀ ਭਾਲ ਕਰਨਾ, ਅਸੀਂ ਗੂਗਲ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਖੋਲ੍ਹਦੇ ਹਾਂ. ਪਰ ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ਕਿ ਗੂਗਲ ਵਿਚ ਵੀ ਕੁਝ ਅਜਿਹੀਆਂ ਚਾਲਾਂ ਹਨ ਜੋ ਨਾ ਸਿਰਫ ਤੁਹਾਨੂੰ ਪਸੰਦ ਕਰਨਗੀਆਂ ਬਲਕਿ ਤੁਸੀਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਕੇ ਅਨੰਦ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰੋਗੇ. ਹਾਂ, ਅਸੀਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੂਗਲ ਦੀਆਂ ਮਨੋਰੰਜਨ ਦੀਆਂ ਚਾਲਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸਾਂਗੇ ਜੋ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਇਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਜਰਬਾ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ. 1. ਬੈਰਲ ਰੋਲ: ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ, ਆਓ ਬੈਰਲ ਰੋਲ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰੀਏ, ਜੋ ਕਿ ਬਹੁਤ ਮਜ਼ੇਦਾਰ ਹੈ. ਇਸ ਨੂੰ ਵਰਤਣ ਲਈ, ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੂਗਲ 'ਤੇ ਜਾਣਾ ਪਏਗਾ ਅਤੇ ਉਥੇ ਇਕ ਬੈਰਲ ਰੋਲ ਟਾਈਪ ਕਰਨਾ ਪਏਗਾ. ਟਾਈਪ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ, ਗੂਗਲ ਦਾ ਪੇਜ ਆਟੋਮੈਟਿਕਲੀ ਦੋ ਵਾਰ ਘੁੰਮ ਜਾਵੇਗਾ ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਤੁਸੀਂ ਸਰਚ ਬਟਨ ਤੇ ਕਲਿਕ ਕਰੋ. ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਦੋ ਵਾਰ, 10, 20 ਅਤੇ 100 ਵਾਰ ਬਦਲ ਸਕਦੇ ਹੋ. 2. ਪੁੱਛੋ: ਇਸ ਚਾਲ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤੁਹਾਡਾ ਗੂਗਲ ਪੇਜ ਸਿੱਧਾ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦੇਵੇਗਾ. ਇਸਦੇ ਲਈ, ਤੁਹਾਨੂੰ ਏਸਕਯੂ ਟਾਈਪ ਕਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ਅਤੇ ਸਰਚ ਬਟਨ ਤੇ ਕਲਿਕ ਕਰਨਾ ਪਏਗਾ. ਜਿਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਗੂਗਲ ਪੇਜ ਥੋੜ੍ਹਾ ਝੁਕਿਆ ਦਿਖਾਈ ਦੇਵੇਗਾ. ਇਹ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਦਿਲਚਸਪ ਚਾਲ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਇਕ ਵਾਰ ਜ਼ਰੂਰ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ. 3. ਗੂਗਲ ਗਰੈਵਿਟੀ: ਇਸ ਟ੍ਰਿਕ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦਿਆਂ ਤੁਸੀਂ ਇਹ ਵੀ ਕਹੋਗੇ ਕਿ ਗੂਗਲ ਸੱਚਮੁੱਚ ਹੈਰਾਨੀਜਨਕ ਹੈ. ਇਸਦੇ ਲਈ, ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੂਗਲ ਦੇ ਹੋਮਪੇਜ ਤੇ ਜਾਣਾ ਪਏਗਾ ਅਤੇ ਗੂਗਲ ਗਰੈਵਿਟੀ ਟਾਈਪ ਕਰਨਾ ਪਏਗਾ. ਉਸ ਬਟਨ 'ਤੇ ਟੈਪ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੈਂ ਉਥੇ ਖੁਸ਼ਕਿਸਮਤ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ, ਗੂਗਲ ਦਾ ਪੰਨਾ ਬਦਲ ਜਾਵੇਗਾ ਅਤੇ ਸਭ ਕੁਝ ਹੇਠਾਂ ਆ ਜਾਵੇਗਾ. ਨਾਲ ਹੀ, ਇਸ ਵਿਚ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਆਈਕਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਉਲਟ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ. 4. ਥਾਨੋਸ: ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਇਕ ਮਾਰਵਲ ਫੈਨ ਹੋ, ਤਾਂ ਇਹ ਟ੍ਰਿਕ ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਪਸੰਦ ਆਵੇਗੀ. ਇਸ ਚਾਲ ਨੂੰ ਵਰਤਣ ਲਈ ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੂਗਲ ਪੇਜ 'ਤੇ ਜਾਣਾ ਪਏਗਾ ਅਤੇ ਥਾਨੋਜ਼ ਟਾਈਪ ਕਰਨਾ ਪਏਗਾ. ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਇਕ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਜੀਵਨੀ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਗੌਨਟਲੇਟ ਆਈਕਨ ਹੋਵੇਗਾ. ਇਸ 'ਤੇ ਕਲਿੱਕ ਕਰਨ ਨਾਲ ਗੂਗਲ ਲਿਸਟਿੰਗ ਅਲੋਪ ਹੋਣੀ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ. 5. ਜ਼ੇਰਗ ਰਸ਼: ਇਹ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਨੋਰੰਜਕ ਚਾਲ ਵੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਲਈ, ਗੂਗਲ 'ਤੇ ਜ਼ੇਰਗ ਰੈਸ਼ ਟਾਈਪ ਕਰੋ ਅਤੇ ਕਲਿਕ ਕਰੋ ਮੈਂ ਹੇਠਾਂ ਖੁਸ਼ਕਿਸਮਤ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ. ਜਿਸਦੇ ਬਾਅਦ ਇੱਕ ਗੂਗਲ ਪੇਜ ਤੁਹਾਡੇ ਸਾਹਮਣੇ ਖੁੱਲੇਗਾ ਅਤੇ ਹੌਲੀ ਹੌਲੀ ਕੁਝ ਓ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣਗੇ ਜੋ ਉੱਪਰ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਣਗੇ ਅਤੇ ਗੂਗਲ ਲਿਸਟਿੰਗ ਨੂੰ ਅਲੋਪ ਕਰ ਦੇਣਗੇ. December 18, 2020 Read more
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