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Why do Bal Vanita Mahila Ashram mobile phones go off? What precautions should be taken?By social worker Vanita Kasani Punjab //The first answer was: Why do mobile phones explode? What precautions should be taken

मोबाइल फ़ोन में धमाका या आग लगने की ख़बरें अक्सर सुनने को मिलती हैं. कभी किसी का फ़ोन चार्जिंग पर लगे-लगे ब्लास्ट हो जाता है तो कभी बात करते समय. हाल ही में ऐसा ही एक हादसा तमिलनाडु में हुआ, जिसमें दो बच्चे और उनकी मां की मौत हो गई. 29 साल की मुथुलक्ष्मी कथित तौर पर फ़ोन को चार्जिंग पर लगाकर बात कर रही थीं. बताया जा रहा है कि कॉल काटने के बाद मोबाइल फ़ोन फट गया. धमाके के बाद आग लगने और धुएं में दम घुटने से महिला और उनके दोनों बच्चों की मौत हो गई. बच्चों की उम्र 2 और 3 साल थी.

क्यों फटते हैं मोबाइल?

ज़्यादातर केसेज़ में मोबाइल फ़ोन के फटने की वजह बैटरी होती है. फ़ोन के गिरने या अन्य वजहों से कई बार बैटरी में लीकेज हो सकती है, जो बाद में फोन चार्ज करने पर आग पकड़ सकती है. बैटरी कई सारे सेल्स को जोड़कर बनती है. यही बैटरी जब पुरानी हो जाती है तो कई बार सेल के बीच की लेयर टूट जाती है और बैटरी फूल जाती है. इससे शॉर्ट सर्किट होकर बैटरी के फटने का डर पैदा हो जाता है.

फ़ोन की बैटरी फटने का सबसे बड़ा रीज़न हीट यानि गरम होने से है. इस हीट का गर्म मौसम से कुछ लेना-देना नहीं है, बल्कि किसी वजह से बैटरी का तापमान बढ़ जाने से है. बैटरी अगर ज़्यादा गर्म है तो समझ लीजिए फटने के चांस बहुत ही ज़्यादा हैं. मगर जो चीज़ सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है वो है, इसी टेम्प्रेचर से होने वाला ‘थर्मल रनअवे’. अब आप पूछोगे कि ये क्या बला है? बताते हैं.

थर्मल रनअवे (फ़ोटो: Wikimedia)

जॉब और एक्सपीरियंस वाली साइकल याद है? जॉब क्यों नहीं है? क्योंकि एक्सपीरियंस नहीं है. एक्सपीरियंस क्यों नहीं है? क्योंकि जॉब नहीं है. बस इसी तरह का चक्र बैटरी को गर्म करने का भी बन जाता है. इसमें टेम्प्रेचर इसलिए बढ़ता रहता है क्योंकि टेम्प्रेचर ज़्यादा है. ये तब तक होते रहता है, जब तक बैटरी में आग ना लग जाए या ब्लास्ट न हो जाए.

इसी को ‘थर्मल रनअवे’ कहा जाता है. ऐसा तब होता है, जब बैटरी का कोई हिस्सा किसी वजह से बहुत ज़्यादा गर्म हो जाए और जल्दी ठंडा ना हो पाए. अच्छे फ़ोन में इस तरह की दिक्कतों को क़ाबू में करने के लिए इंतज़ाम रहते हैं, मगर कई सस्ते-मद्दे फ़ोन इसको नहीं झेल पाते. इसके साथ ही प्रॉसेसर भी फ़ोन के फटने में थोड़ा रोल अदा करता है.

आजकल के हाई-एंड प्रॉसेसर ज़्यादा काम करते हैं और ज़्यादा हीट भी पैदा करते हैं. प्रॉसेसर बैटरी के पास ही लगा होता है, इसलिए फ़ोन पर ज़्यादा लोड पड़ने पर प्रॉसेसर गर्म होकर बैटरी को भी गर्म कर देता है. स्मार्टफ़ोन बनाने वाले कम्पनियां इसीलिए आजकल हाई-एंड चिप पर किसी ना किसी तरह का हीट सिंक लगा देती हैं. यह पैदा हुई गर्मी को बैटरी से दूर रखता है और फ़ोन को जल्दी ठंडा कर देता है. मगर जिन फ़ोन में हीट सिंक नहीं होता, उनमें आग लगने की कंडीशन पैदा हो सकती है.

फ़ोन को फटने से कैसे बचाएं?

पहली बात तो ऐसे सारे काम करना छोड़ दें, जिससे फ़ोन या बैटरी का टेम्प्रेचर बढ़ता है. रात में सोने से पहले फ़ोन चलाने की आदत तो लगभग सभी की है, मगर तकिया वग़ैरह के नीचे फ़ोन रखकर कभी मत सोइए. ऐसे कामों से तो अंडे से चूज़ा निकलने की भी उम्मीद जाग जाती है, फिर आपके फ़ोन की बैटरी क्या चीज़ है. गर्मी के मौसम में कभी बंद कार के अंदर अपना फ़ोन मत छोड़िए. वरना फ़ोन का टेम्प्रेचर सटासट बढ़ेगा.

(सांकेतिक फ़ोटो)By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

वॉट्सऐप और स्नैपचैट के ज़माने में भी अगर आपको घंटों कॉल करने का शौक़ है तो ध्यान रखिए कि आप लगातार 2-3 घंटे तक बातें ना करते रहें. लम्बी बातचीत के लिए ईयरफ़ोन वग़ैरह का इस्तेमाल करिए.

चार्जिंग पर लगाकर फ़ोन इस्तेमाल करने से तो तौबा ही कर लीजिए. चार्ज होते टाइम वैसे ही फ़ोन पर बड़ा लोड पड़ रहा होता है. अगर ऐसे में कुछ भारी भरकम काम करने लग जाएंगे तो पारा डबल स्पीड से ऊपर चढ़ने लग जाएगा.

कई लोग फ़ोन को चार्जिंग पर लगाकर गेम खेलते हैं और कुछ कॉल करते हैं. दोनों ही ख़तरनाक हैं. कॉलिंग इन्फ़्रारेड तरंगों की मदद से होती है, जो गर्म मिज़ाज की होती हैं. फ़ोन चार्जिंग पर लगाकर कॉल करने पर डबल गर्मी पैदा होती है. ऐसे ही गेम खेलने से प्रॉसेसर गर्म होता है और चार्ज पर लगे होने से बैटरी भी गर्म होने लगती है. इससे थर्मल रनअवे की कंडीशन पैदा होने के चांस बढ़ जाते हैं.

अच्छी क्वालिटी के फ़ोन, बैटरी और चार्जर ही इस्तेमाल कीजिए.

अपने फ़ोन को अपने बच्चे की तरह प्यार से ट्रीट कीजिए. फ़्लैगशिप लेवल के फ़ोन बने ही हैं एक्स्ट्रा लोड उठाने के लिए, लेकिन अगर आप एक बजट फ़ोन चला रहे हैं तो उस पर उतना ही लोड डालिए, जितना ये झेल सके. मल्टीटास्किंग कीजिए, मगर इतनी भी नहीं कि प्रॉसेसर गर्म होने लग जाए. जैसे ही आपको लगे कि फ़ोन ओवरहीट हो रहा है तो उसे आराम दे दीजिए.

और क्या सावधानियाँ बरतनी हैं?

अब तक तो हमने बताई बैटरी का टेम्प्रेचर कंट्रोल करने वाली बातें. इनके अलावा इन चीज़ों का भी ध्यान रखिए:

*फ़ोन में कुछ गड़बड़ी हो जाने पर फ़ौरन ही उसको ठीक करवाइए. कई बार हार्डवेयर की दिक्कत के चलते भी फ़ोन में ब्लास्ट होने या आग लगने की नौबत आ जाती है.

*बैटरी अगर फूल गई है तो उसे फ़ौरन ही बदलवा लें. बैटरी में लीकेज होने पर वो फूलती है और फिर चार्ज पर लगाने से आग पकड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है.

*अपने फ़ोन के ब्राण्ड की ओरिजिनल बैटरी का ही इस्तेमाल करें. थोड़े पैसे बचाकर सस्ती बैटरी लगाना ख़तरे का काम है.

*असली चार्जर इस्तेमाल करिए. दूसरा चार्जर ख़रीदना हो तो अच्छे ब्राण्ड का ही लीजिए. साथ ही ये भी चेक करिए कि वो चार्जर आपकी बैटरी से कम्पैटिबल है कि नहीं. चार्जर की वोल्ट और करेंट वैल्यू को बैटरी से मिलाइए. ज़्यादा पावर वाला चार्जर लगाना सेफ़ नहीं है.

*अगर स्मार्टफ़ोन की कोई सिक्योरिटी अपडेट आयी हो तो जल्द से जल्द उसे इंस्टॉल कीजिए. आपके पास लेटेस्ट अपडेट नहीं है तो फ़ोन के हैक होने या किसी बग की वजह से चार्जिंग सिस्टम में गड़बड़ी होने का ख़तरा बढ़ जाता है.


*इसके साथ ही ये ध्यान तो रखना ही होगा कि आप बेकार क़िस्म की बैटरी या बेकार क़िस्म का फ़ोन नहीं चलाएं. अगर आप पुराना फ़ोन ख़रीद रहे हैं तो एक्स्ट्रा केयरफ़ुल होने की ज़रूरत है. फ़ोन का चार्जिंग सिस्टम और हीटिंग इशू चेक करने के बाद ही पुराना फ़ोन ख़रीदें.

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