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फ्री ब्लॉग कैसे बनाये और पैसे कमाये By (समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब) 2020 ऑनलाइन पैसे Free Blog से कमाए? Best Part Time Work!196 Free Blog Kaise Bnaye: क्या आप भी घर बैठकर फ्री ब्लॉग से लाखों कमाना चाहते हैं और अपने सपने पूरे करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए। अगर हमें छोटी सी छोटी चीज की जानकारी भी चाहिए होती है तो हम सीधे गूगल पर सर्च करते हैं और रोजाना लाखों लोग ऐसा करते हैं और अगर आप अपने ब्लॉग के माध्यम से उन्हें जानकारी दे पाए और आपके ब्लॉग पर एड्स आए जिससे आपकी लाखों में कमाई भी हो सके सुनने में काफी आसान लगता है लेकिन करना भी काफी आसान है।यह पूरा आर्टिकल पढ़िए, जिसमें आपको शुरुआत से अंत तक एकदम सरल भाषा में समझाया गया है कि खुद का फ्री ब्लॉग कैसे बनाएं या खुद की वेबसाइट कैसे बनाएं वह भी कुछ सिंपल स्टेप्स में। Best Tips How to Create Free Blog Website.अनुक्रम [दिखाएँ]ब्लॉग क्या होता है (What is Blog) ब्लॉग एक वेबसाइट होती है जहां पर हम और आप जैसे लोग अपनी नॉलेज शेयर करते हैं| हमें जो आता है हम वह दुनिया को बताते हैं। ब्लॉगर अपने इंट्रेस्ट की चीजों को लिखता है और अपने लिखे हुए आर्टिकल्स पर ads लगाकर ब्लॉगर पैसे कमाता है। आप इसकी तुलना एक नौकरी से कर सकते हैं लेकिन यह ऐसा काम है जिससे आप जब चाहे तब कर सकते हैं जिस दिन नहीं करना उस दिन आराम कर सकते हैं और एक नौकरी के मुकाबले यहां पर 3 से 4 गुना ज्यादा पैसा मिलता है। और यहां पर ब्लॉगर अपने इंटरेस्ट की चीजों के बारे में लिखता है इसीलिए वह अपने काम से कभी बोर भी नहीं होगा।Blogging Affiliate Marketing से भी काफी ज्यादा कमाते हैं अगर आप उसके बारे में जानना चाहते हैं तो आपको सेकंड लास्ट पैराग्राफ में उसके बारे में जानकारी मील जाएगी।ब्लॉग कैसे काम करता हैब्लॉगर सपना कंटेंट लिखते हैं और पब्लिश करते हैं और आर्टिकल का जो टॉपिक है उसकी Related Keywords उसमें यूज किए जाते हैं, जिससे उसका SEO (SEARCH ENGINE OPTIMIZATION) अच्छा हो सके। उसके बाद अगर उसी टॉपिक की रिलेटेड कोई यूजर गूगल पर सर्च करता है तो गूगल उस टॉपिक्स की जितने भी ब्लॉग है उन सभी को शॉर्टलिस्ट करके सबसे अच्छा वाला ब्लॉग जिस की इंगेजमेंट अच्छी हो और पेज अथॉरिटी ज्यादा हो उस को सबसे ऊपर भेजता है और बाकी नीचे वाले ब्लॉग भी इन सभी चीजों को मध्य नजर रखते हुए, क्रम में लगाए जाते हैं।पेज अथॉरिटी एक स्कोर होता है, जो कि वन से लेकर हंड्रेड के बीच में दिया जाता है, जितना ज्यादा स्कोर होगा, वह पेज उतना ऊपर रैंक करेगा और वेबसाइट जितनी ज्यादा पुरानी होगी उसका स्कोर उतना ज्यादा होगा। Step 5 मैं आपको बताया गया है, कि ब्लॉग कैसे लिखें और ब्लॉग का SEO कैसे करें। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप भी एक परफेक्ट ब्लॉग बनाना सीख जाएंगे। चलिए सबसे पहले आपको बता दें की free blog कैसे बनाये|फ्री ब्लॉग कैसे बनाये (How to Create a Free Blog)Step 1. गूगल में “Blogger” सर्च करें और अपनी जीमेल आईडी से अकाउंट बनाएं।फ्री ब्लॉग (Free Blog) बनाने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च बार में ब्लॉगर सर्च करें, उसके बाद ब्लॉगर की वेबसाइट ओपन करें, वहां पर क्रिएट “ए ब्लॉग” या फिर “साइन इन” पर क्लिक करें, उसके बाद वहां पर अपनी जीमेल आईडी और पासवर्ड डालें जिससे आपका फ्री ब्लॉग अकाउंट ब्लॉगर में क्रिएट हो जाएगा।फ्री ब्लॉग कैसे बनाये Free Blogफ्री ब्लॉग कैसे बनाये Free BlogRead Also Binomo क्या है? बिनोमो से पैसे कैसे कमाए Best Trading 2020Step 2. Blogger Title Create करें और Domain बनाएं।ब्लॉगर में अकाउंट बनने के बाद, अब आपको उसे टाइटल देना होगा, उस नाम से पोस्ट सभी को दिखाए जाएंगे। एक यूनिक सा टाइटल रखने के बाद अब आपको Domain क्रिएट करना होगा, Domain में एक यूनिक नाम रखें, जिससे वह अप्रूव हो जाएगा, अगर आपका कोई भी नाम रख दोगे, तो उससे Domain अपूर्व नहीं होगा, क्योंकि उस नाम से ऑलरेडी कोई वेबसाइट एक्सिस्ट कर सकती है इसीलिए एक यूनिक सा नाम चुने, और उसके बाद ब्लॉक्स्पॉट नाम का एक Sub-Domain आपके वेबसाइट से अटैच हो जाएगा| अगर आप उसे निकालना चाहते हैं, तो आपको Domain खरीदना होगा, अगर आप Domain खरीदना चाहते हैं|तो इस लिंक के द्वारा खरीद सकते हैं, जहां पर आपको Domain काफी कम प्राइस में मिलेंगे, लेकिन डोमेन के नाम यूनिक होने चाहिये।फ्री ब्लॉग Free Blog kaise banayeStep 3. European Union Laws को ध्यान से पढ़ें।यूरोपीय संघ (ईयू) कानूनों की आवश्यकता है, कि आप यूरोपीय संघ के आगंतुकों को अपने ब्लॉग पर इस्तेमाल होने वाले कुकीज़ के बारे में जानकारी दें। कई मामलों में, इन कानूनों के लिए भी आपको सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।एक शिष्टाचार के रूप में, हमने इन नियमों को पूरा करने में मदद करने के लिए आपके ब्लॉग पर निम्नलिखित सूचना जोड़ी है:“यह साइट अपनी सेवाओं को देने और ट्रैफ़िक का विश्लेषण करने के लिए Google से कुकीज़ का उपयोग करती है। सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, उपयोग के आँकड़े उत्पन्न करने और दुरुपयोग का पता लगाने और उनका पता लगाने के लिए प्रदर्शन और सुरक्षा मीट्रिक के साथ आपका आईपी पता और उपयोगकर्ता-एजेंट Google के साथ साझा किए जाते हैं।”यह नोटिस Google को आपके ब्लॉग पर Google Analytics और AdSense कुकीज़ सहित कुछ ब्लॉगर और Google कुकीज़ के उपयोग के बारे में जानने देता है। Google की गोपनीयता प्रथाओं और भागीदार साइटों पर डेटा का उपयोग करने के तरीके के बारे में जानें। इन सभी चीजों को ध्यान से पढ़ ले।फ्री ब्लॉग Free BlogRead Also ऑनलाइन पैसे कैसे कमाएं (online paise kaise kamaye) 7 Best TricksStep 4. Blogger Menuब्लॉगर का मेनू काफी ज्यादा सिंपल है। सबसे ऊपर आपको न्यू पोस्ट ऐड करने का ऑप्शन दिया जाता है, जहां पर क्लिक करके आप पोस्ट ऐड कर सकते हैं, या फिर प्लस के आइकन पर क्लिक करके न्यू पोस्ट कर सकते हैं। उसके बाद अगर आपको स्टेट्स देखने हो तो, कि आपकी पोस्ट कैसे परफॉर्म कर रही है, उसके साथ-साथ आपको भी बहुत सारी इनफार्मेशन स्टेटस में देखने को मिलती हैं, जिससे आप अपने ब्लॉग की क्वालिटी बढ़ा सकते हैं। उसके बाद आपको कमेंट का एक ऑप्शन मिलता है, जहां से आप अपने ब्लॉग के कमेंट पढ़ सकते हैं।उसके बाद सबसे इंपॉर्टेंट ऑप्शन आता है, Earnings का जहां पर आप अपने ब्लॉग की Earnings देख सकते हैं, लेकिन शुरुआत में आपको काफी सारे अच्छे ब्लॉग लिखने पड़ेंगे, उसके बाद आपको गूगल ऐडसेंस का अप्रूवल मिलेगा। इसके बारे में विस्तार से हम किसी और आर्टिकल में जानेंगे, जहां पर आपको अच्छे से समझाया जाएगा, कि ऐडसेंस के लिए कैसे अप्लाई करते हैं, कैसे अप्रूवल लेते हैं, और सारी चीजें गूगल ऐडसेंस के रिलेटेड।उसके बाद आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं, पेजेस, लेआउट एंड थीम्स, जिसकी मदद से आप अपने ब्लॉग को बहुत ही अच्छे से कस्टमाइज कर सकते हो, किसी वेबसाइट की तरह। और आप अपने पोस्ट में इमेजेस बहुत ज्यादा इस्तेमाल ना करें जिससे आपके ब्लॉग की लोडिंग स्पीड कम हो जाएगी, और हो सके तो इमेज को कंप्रेस करके इस्तेमाल करें, जिससे इमेज की साइज कम हो जाएगी और लोडिंग टाइम भी ज्यादा नहीं बढ़ेगा। अगर आप को Free Blog के बारे में समझने में कुछ तकलीफ हुई हो तो आप यह वीडियो देख सकते हैं।Step 5. ब्लॉगर में पोस्ट कैसे पब्लिश करें?how to write post in Free Blogब्लॉग लिखने के लिए न्यू पोस्ट या प्लस के आइकन पर क्लिक करें, उसके बाद एक नया सेक्शन खुल जाएगा, जहां पर सबसे पहले आप अपने ब्लॉग पोस्ट का टाइटल लिखे। और याद रखीए की टाइटल मैं अच्छी कीवर्ड्स रखें, आपकी सहायता के लिए हम यहां पर एक वीडियो का लिंक दे रहे हैं, इसमें अच्छे से समझाया गया है, कि ब्लॉग पोस्ट कैसे लिखते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद उस वीडियो को जरूर देखिए।उसके बाद आप पोस्ट में अलग-अलग फोंट्स से भी लिख सकते हैं, और साइज भी चेंज कर सकते हैं, जैसे की हेडिंग को बड़ी साइज दे दी, और पैराग्राफ को छोटी। और ज्यादा फीचर्स के लिए उस वेब-पेज को डेक्सटॉप साइट में कन्वर्ट कर दें, जिससे आपके सामने और भी कई सारे फीचर्स आ जाएंगे, जैसे कि आप इमेजेस लगा सकते हैं, टेक्स्ट को कलर कर सकते हैं, और भी बहुत कुछ। डेक्सटॉप मोड में चेंज करने के लिए राइट कॉर्नर में दी गई थ्री डॉट्स पर क्लिक करके, डेस्कटॉप साइट पर क्लिक करें।सेटिंग के ऑप्शन पर क्लिक करके आप पोस्टिक में कई सारी चीजें कर सकते हैं, आप पोस्ट का यूआरएल भी चेंज कर सकते हैं, सारी चीजें परफेक्ट करने के बाद आप, पोस्ट को पब्लिक कर सकते हैं।Read Also :- White Hat Jr kya hai? White Hat Jr par kese register kare?ब्लॉगर पैसे कैसे कमाता है? ब्लॉगर किन-किन तरीकों से पैसे कमाता है?1. Google AdSense गूगल ऐडसेंससबसे पहले तो प्राइमरी तरीका पैसे कमाने का ब्लॉग से यह है कि आपके free blog पर जब ads आने शुरू हो जाएंगे तब आपको उसके पैसे मिलेंगे। अगर आप इंग्लिश में ब्लॉग लिखेंगे तो आपकी ऐडसेंस से कमाई ज्यादा होगी लेकिन अगर आप हिंदी में लिखेंगे तो इंग्लिश के मुकाबले यहां पर कमाई थोड़ी कम होगी।2. Affiliate Marketing एफिलिएट मार्केटिंगएफिलिएट मार्केटिंग का मतलब यह होता है कि आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग करें और वह ब्रांड उस मार्केटिंग के लिए आपको उसमें से कमीशन देगा। अगर आप अमेजॉन के साथ एफिलिएट मार्केटिंग करना चाहते हैं तो वो भी आपके पास एक अच्छा विकल्प है आप अपने free blog पर Affiliate Marketing करके भी बहुत ज्यादा earn कर सकते है। ब्लॉगर्स की एफिलिएट मार्केटिंग से काफी ज्यादा अधिक कमाई होती है गूगल ऐडसेंस से भी ज्यादा।3. Product Reviews प्रोडक्ट रिव्यूजआप अपने free blog पर किसी ब्रांड का प्रोडक्ट रिव्यू कर सकते हैं उसके बारे में जानकारी दे सकते हैं और उसके बदले आप ब्रांड्स को चार्ज कर सकते हैं। अगर आपके ब्लॉग काफी ज्यादा पढ़े जाते हैं, तो आप लाखों में भी चार्ज कर सकते हैं।Free blog में ब्लॉगिंग से कमाने के और भी तरीके हैं जो कि आपके इंटरेस्ट के अनुसार डिपेंड करते हैं, यह तीन प्रकार है जिससे ब्लॉगर्स सबसे ज्यादा कमाते हैं।ब्लॉगिंग करियर के फायदे। ब्लॉग बनाने से क्या फायदा होता है।ब्लॉगर बनके आप एक नौकरी से ज्यादा तो कमा ही लेंगे, लेकिन उसके साथ साथ आपको फेम भी काफी मिलता है| अगर आपके ब्लॉग्स वायरल होते हैं तो काफी सारे लोग आपको जानेंगे आपकी एक ब्रैंड वैल्यू बनेगी। आपकी राइटिंग स्किल भी इंप्रूव होगी और आप भविष्य में एक लेखक भी बन सकते हैं। free blog में ब्लॉगिंग से आपकी नॉलेज तो बढ़ेगी ही उसके साथ-साथ लोगों की नॉलेज भी बढ़ेगी। आप ब्लॉगिंग करके दूसरों का फायदा भी कर सकते हैं आप अपनी पोस्ट में दूसरों के ब्लॉग का लिंक देकर उनका ट्राफिक भी बढ़ा सकते हैं। इससे उनकी भी काफी ज्यादा मदद होगी।यह था पूरा आर्टिकल की 2020 में फ्री ब्लॉग कैसे बनाएं (How to crate a free blog) और फ्री ब्लॉग (free blog) से ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए? और ब्लॉगर पर अपना अकाउंट कैसे बनाएं? और साथ ही साथ हमने यह भी जाना कि ब्लॉगर में पोस्ट कैसे लिखते हैं और इसके बारे में भी जाना कि पोस्ट को रैंक कैसे कराएं।अगला आर्टिकल होगा, ब्लॉगर पर ऐडसेंस कैसे वेरीफाई करें? अगर आपका कोई और सवाल हो, तो हमें कमैंट्स में जरूर बताये, आपको उसका जवाब कमेंट में ही मिल जाएगा। हम उम्मीद करते है, कि आपको फ्री ब्लॉग कैसे बनाएं आर्टिकल पसन्द आया होगा । अगर हाँ, तो आप इसको शेयर और कमेंट करे जिससे हमको ऐसे ही आर्टिकल लिखने का प्रोतसाहन मिले।और अगर आप ऐसे ही कमाल के आर्टिकल और पढ़ना चाहते है, तो Notification Enable करे और जैसे हमारी वेबसाइट पर कोई नया आर्टिकल आएगा आपको उसका नोटिफिशन मिल जाएगा। अगर आप अपनी ज्ञान की सीमा को और बढ़ाना चाहते हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर विजिट कर सकते हैं।आज के आर्टिकल मे बस इतना ही। आपसे मुलाक़ात होगी फिर किसी और रोमांचक टॉपिक के साथ। तब तक के लिये जय हिंद। https://youtu.be/cinfMgmgFsgHow well do you know about SEO? You know that this is for "search engine optimization". And you know that SEO is one of the most important areas of digital marketing. The ability to optimize a website for search engines and rank high for keywords is considered one of the top skills of a digital marketer. SEO experts are one of the highest paid consultants and freelancers in the world. Do you want to become an SEO expert? How are you going to become SEO expert ----- by social worker Vanita Kasani Punjab, You cannot start reading about the latest strategy that will help you rank better in the search engines. The strategy does not last. In this post, I want to give a completely different approach to learning SEO. A thought experiment. Since… Everyone who knows about SEO does it the wrong way. And this is one of the reasons why there are very few SEO experts in the country. Most people who learn SEO learn about tricks and tactics. They learn that one needs to create backlinks, one needs to do on-page SEO, and so on. They do not think deeply about why they are doing this. Performing all the strategies will give some results in the short term. Sometimes it works and sometimes it does not. The right SEO experts in the world are people who think like search engines. If you want to become good at SEO, then you need to think like a search engine. What would you do if you were designing an algorithm for search engines? How would you rank websites? If you start thinking like this then you will be on your way to becoming SEO expert. This is what we are going to do today We will learn how to think like a search engine. We will make our search engine in our mind. Therefore it is called thought experiment. Hence... Suppose you want to create a directory of all the websites in your city and you want to rank them for different keywords. For the benefit of the people of his city. And let's say you have 100 websites in your city. How do you start First, your job will be to list all possible websites available in your city, which can be accessed in the public domain. (Surface web). Sometimes, there will be websites you may not be aware of. (Since you are using your own search engine as an idea, consider that there are no search engines in the world when you are doing this.) How will you search for new websites to add to your list? You will get links from one site to another. And you will follow the links. And in this way, you will land on new websites. And you will uncover them. This will give you a list of websites. But this list of website URLs alone is not enough. If someone is searching for websites in your search engine, they want to know more from the website URL. Hence… You can write the title, description of websites and your own understanding of the website. Explain that there are 10 websites about restaurants. 10 websites about educational institutions. 10 official website And similarly… Now, if someone searches for "restaurant", you can list all the restaurant's websites. For a long time, most search engines did just that. He listed his search. And they followed the links and discovered the new website. Now, if you want to create a search engine for the entire world, you cannot manually view all websites. There are billions of websites on the web. The founders of Google knew that it is impossible to manually visit these websites. So they built a crawler. A crawler is a robot that visits all the world's websites. It discovers new websites through links. As one website links to another, the crawler will follow and see how deep the rabbit hole goes. If I search for "cameras", Google will show me websites that are about cameras. So this is a large scale website. This is just part of the equation. But is DISCOVERY enough? No. Go back to building our search engine ... When you are building your search engine, the first problem you solve is DISCOVERY. You search websites from link to link. You have to search all the websites that are available until there is nothing else to find and list all the URLs. So here you have solved the problem of DISCOVERY. The next problem to solve is RELEVANCY. Because you are not a website directory listing all the websites on your website. You are a search engine. You must provide RELEVANT information based on your users' search queries. This is why you need to collect more information apart from the website URL during the search phase So you collect titles, descriptions and keywords. If you have learned SEO before, you must have heard the term meta-title, meta-description and meta-keywords. What is Meta anyway? According to Wikipedia, the definition of meta is: "a set of data that describes and gives information about other data." You are also collecting metadata ... Additional data about the primary data (website URL). When someone searches for "restaurant" you can display all restaurant websites with title and description. When the data matches the keyword, you have solved the problem of RELEVANCY. As a search engine, you have to show relevant results to your users based on what they are looking for. If someone is searching for "restaurants in city x", you cannot show "schools in city x". You are solving that problem with metadata information. Usually determined by on-page information. If a restaurant website should have food-related keywords. School websites will contain keywords related to education. Based on this keyword match, you can show relevant results to your search users. If you become the number one search engine in your city, you can give directions to everyone who has a website and creates a new website. You will ask them to use the right keywords so that you can solve the problem of RELEVANCY for your users and send them to the right customers. Search engines like Google issue guidelines to webmasters to submit their content to Search Console (Webmaster Tools). Usually solved by on-page information: using the right content on the website with the right keywords. Optimizing on-page data and information is what we call on-page optimization. But is this enough? What about the quality of the results? The 2 biggest problems that you will face as a search engine owner are quality problems. Let's "do some searches in the city's restaurants". You list 10 restaurants. What if you list the worst restaurants at the top and the best restaurants at the bottom? If your recommendations are not of good quality, then people will stop using your search engine. So it is not enough if the search results are of good rule. You also have to take care of QUALITY - and here it means sorting it from best to worst. To solve the quality problem, you cannot collect data from the restaurant owners who own these websites… Because every restaurant used to say that they are the best. Each restaurant will be titled "The best restaurant in this city". We know how the world works, everyone calls themselves number 1. Therefore quality data has to be collected from people visiting these restaurants to determine. Explain that apart from 100 websites, there are many bloggers and social media users in your city. You can try to guess which is the best restaurant based on user data. You can find out how many times a restaurant has been mentioned on social media. How often bloggers link to restaurant websites. If there is a restaurant that has no link or no mention, you can assume that this restaurant is not popular. You can finalize it. If there is a restaurant that people keep mentioning on social media, and if bloggers are joining it, you can put this restaurant on top. When you are giving high ranking to restaurant websites that are popular among TRULY and honestly people, your search engine users will like you. ... because you are recommending right. This is how you solve the quality problem. And this is what we call Off-page SEO. Large search engines like Google have to make the right recommendations. They do this by collecting user data. Like mentions, backlinks, brand searches, reviews, time spent on the site ... and 100 other factors. As a default rule, off-page SEO should be done by users and not by webmasters. That is why Google is not happy if someone goes out and creates a backlink on their website by themselves. Because you can't vote for yourself. Webmasters are the ones to solve the problem of on-page SEO by simply giving the right information to search engines and using the right keywords on websites. Users of a website will do off-page SEO. User behavior will give search engines insight to find out which website is better and they will rank it better. That is why I have never done any off-page SEO directly. And I am still visitors from search engines. I create good quality content, distribute it using social media, and increase my brand awareness using advertisements. I do not manufacture backlinks. I earn backlinks. I build brand-awareness and content. Returning to our thought experiment ... If your search results are being manipulated because some restaurant website owners are fading quality through fake social media mentality and fake blog links… how would you feel? This is why Google is getting smarter every day and ensures that people do not fake their quality. Meeting the quality signals of your website is called black-hat SEO. It does not work for long. The only SEO that works is to create and deliver good quality content. Create good quality products and services and make customers happy. It is the responsibility of search engines to make sure that they find out that you are the best. And in my experience, they always do that job well. Google is getting smarter every week, so you can try to game all the search engines you want, and in the next update, all your rankings will go away. That is why I decided to build a long-term brand. Create good content. Build good products. Earn good feedback. I get 1000+ visitors from search engines on my blog every day for free. And I have earned it completely in the last 5 years by consistently publishing good content. So to recap: Search engine crawlers search for websites - make sure your site is up so that it can be searched. Search engine crawlers read your metadata and scan your site data for keywords - make sure your site is about a specific topic, has the correct title and description. And it should contain the right content for your users. This helps search engines rank RELEVANT websites on their results. Search engine crawlers look at social media mentions, backlinks, user behavior such as time lapse, bounce rate, page / session and 100 other factors to determine the quality of your website. This helps them to sort websites on their results according to quality. On-page SEO is for RELEVANCY. Off-page SEO is for quality. Webmasters do on-page SEO. Users do off-page SEO. And this understanding is important for you to become an SEO expert. If you fail to understand this basic concept… you cannot become an SEO expert with all the tools, tricks and tactics. Best wishes! Cheers, Vinita Kasania Punjab P. s. Reply to this email and let me know if you found this email useful.SEO के बारे में आप कितनी अच्छी तरह जानते हैं? आप जानते हैं कि यह "खोज इंजन अनुकूलन" के लिए है। और आप जानते हैं कि SEO डिजिटल मार्केटिंग के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। खोज इंजन के लिए एक वेबसाइट को अनुकूलित करने और कीवर्ड के लिए उच्च रैंक करने की क्षमता को एक डिजिटल मार्केटर के शीर्ष कौशल में से एक माना जाता है। एसईओ विशेषज्ञ दुनिया में सबसे अधिक भुगतान वाले सलाहकारों और फ्रीलांसरों में से एक हैं। क्या आप एक एसईओ विशेषज्ञ बनना चाहते हैं? आप SEO विशेषज्ञ कैसे बनने जा रहे हैं -----by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, आप नवीनतम रणनीति के बारे में पढ़ना शुरू नहीं कर सकते हैं जो आपको खोज इंजन में बेहतर रैंक करने में मदद करेगी। रणनीति नहीं टिकती। इस पोस्ट में, मैं SEO सीखने के लिए एक पूरी तरह से अलग दृष्टिकोण देना चाहतीं हूं। एक सोचा प्रयोग। चूंकि... SEO के बारे में जानने वाला हर कोई इसे गलत तरीके से करता है। और यह एक कारण है कि देश में बहुत कम एसईओ विशेषज्ञ हैं। SEO सीखने वाले ज्यादातर लोग ट्रिक्स और टैक्टिक्स के बारे में सीखते हैं। वे सीखते हैं कि किसी को बैकलिंक्स बनाने की जरूरत है, किसी को ऑन-पेज एसईओ करने की जरूरत है, और इसी तरह। वे इस बारे में गहराई से नहीं सोचते कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। सभी रणनीति को करने से अल्पावधि में कुछ परिणाम मिलेगा। कभी-कभी यह काम करता है और कभी-कभी ऐसा नहीं होता। दुनिया में सही एसईओ विशेषज्ञ ऐसे लोग हैं जो खोज इंजन की तरह सोचते हैं। अगर आप SEO में अच्छा बनना चाहते हैं, तो आपको एक सर्च इंजन की तरह सोचने की जरूरत है। यदि आप खोज इंजन के लिए एल्गोरिथ्म डिजाइन कर रहे थे तो आप क्या करेंगे? आप वेबसाइटों को कैसे रैंक करेंगे? अगर आप भी ऐसा सोचने लगेंगे तो आप SEO एक्सपर्ट बनने की राह पर होंगे। आज हम यही करने जा रहे हैं हम सीखेंगे कि खोज इंजन की तरह कैसे सोचें। हम अपने दिमाग में अपना सर्च इंजन बनाएंगे। इसलिए इसे विचार प्रयोग कहा जाता है। इसलिए... मान लीजिए कि आप अपने शहर की सभी वेबसाइटों की एक निर्देशिका बनाना चाहते हैं और आप उन्हें विभिन्न खोजशब्दों के लिए रैंक करना चाहते हैं। अपने शहर के लोगों के हित के लिए। और मान लें कि आपके शहर में 100 वेबसाइट हैं। आप कैसे शुरू करेंगे? सबसे पहले, आपका काम आपके शहर में उपलब्ध सभी संभावित वेबसाइटों को सूचीबद्ध करना होगा, जिन्हें सार्वजनिक डोमेन में एक्सेस किया जा सकता है। (सतह वेब)। कभी-कभी, ऐसी वेबसाइटें होंगी जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा। (चूँकि आप अपने स्वयं के खोज इंजन का उपयोग एक विचार के रूप में कर रहे हैं, तो मान लें कि जब आप यह काम कर रहे हैं तो दुनिया में कोई खोज इंजन नहीं हैं।) अपनी सूची में इसे जोड़ने के लिए आप नई वेबसाइटों की खोज कैसे करेंगे? आपको एक साइट से दूसरी साइट के लिंक मिलेंगे। और आप लिंक्स को फॉलो करेंगे। और इस तरह, आप नई वेबसाइटों पर उतरेंगे। और आप उन्हें उजागर करेंगे। यह आपको वेबसाइटों की सूची देगा। लेकिन अकेले वेबसाइट यूआरएल की यह सूची पर्याप्त नहीं है। यदि कोई आपके खोज इंजन में वेबसाइटों को खोज रहा है, तो वे वेबसाइट URL से अधिक जानना चाहते हैं। इसलिए… आप शीर्षक, वेबसाइटों के विवरण और वेबसाइट के बारे में आपकी अपनी समझ को लिख सकते हैं। बता दें कि रेस्तरां के बारे में 10 वेबसाइटें हैं। शैक्षिक संस्थानों के बारे में 10 वेबसाइट। 10 सरकारी वेबसाइट और इसी तरह… अब, यदि कोई "रेस्तरां" खोजता है, तो आप रेस्तरां की सभी वेबसाइटों को सूचीबद्ध कर सकते हैं। लंबे समय तक, अधिकांश खोज इंजनों ने केवल यही किया। उन्होंने अपनी खोज सूचीबद्ध की। और उन्होंने लिंक्स का अनुसरण करके नई वेबसाइट की खोज की। अब, यदि आप पूरी दुनिया के लिए एक खोज इंजन बनाना चाहते हैं, तो आप सभी वेबसाइटों को मैन्युअल रूप से नहीं देख सकते हैं। वेब पर अरबों वेबसाइट हैं। Google के संस्थापक जानते थे कि इन वेबसाइटों को मैन्युअल रूप से जाना असंभव है। इसलिए उन्होंने क्रॉलर का निर्माण किया। क्रॉलर एक रोबोट है जो दुनिया की सभी वेबसाइटों पर जाता है। यह लिंक के माध्यम से नई वेबसाइटों को पता चलता है। जैसा कि एक वेबसाइट दूसरे से लिंक करती है, क्रॉलर अनुसरण करेगा और देखेगा कि खरगोश छेद कितना गहरा जाता है। अगर मैं "कैमरे" खोजता हूं, तो Google मुझे ऐसी वेबसाइटें दिखाएगा जो कैमरों के बारे में होंगी। तो यह एक बड़े पैमाने पर वेबसाइट है। यह समीकरण का सिर्फ एक हिस्सा है। लेकिन क्या DISCOVERY पर्याप्त है? नहीं। हमारे खोज इंजन को बनाने के लिए वापस जाएं ... जब आप अपने खोज इंजन का निर्माण कर रहे होते हैं, तो आपके द्वारा हल की जाने वाली पहली समस्या DISCOVERY है। आप लिंक-से-लिंक से वेबसाइटों की खोज करें। आपको उन सभी वेबसाइटों की खोज करनी होगी जो तब तक उपलब्ध हैं जब तक सभी URL को खोजने और सूचीबद्ध करने के लिए और कुछ नहीं है। तो यहाँ पर आपने DISCOVERY की समस्या को हल किया है। हल करने के लिए अगली समस्या RELEVANCY है। क्योंकि आप अपनी वेबसाइट पर सभी वेबसाइटों को सूचीबद्ध करने वाली वेबसाइट निर्देशिका नहीं हैं। आप एक खोज इंजन हैं। आपको अपने उपयोगकर्ताओं के खोज प्रश्नों के आधार पर RELEVANT जानकारी देनी होगी। इसीलिए आपको खोज चरण के दौरान वेबसाइट URL से अलग और अधिक जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता है इसलिए आप शीर्षक, विवरण और कीवर्ड एकत्र करते हैं। यदि आपने पहले SEO सीखा है, तो आपको यह शब्द मेटा-शीर्षक, मेटा-विवरण और मेटा-कीवर्ड्स के बारे में सुना होगा। वैसे भी मेटा क्या है? विकिपीडिया के अनुसार, मेटा की परिभाषा है: "डेटा का एक सेट जो वर्णन करता है और अन्य डेटा के बारे में जानकारी देता है।" आप मेटाडेटा भी एकत्र कर रहे हैं ... प्राथमिक डेटा (वेबसाइट URL) के बारे में अतिरिक्त डेटा। जब कोई "रेस्तरां" खोजता है तो आप शीर्षक और विवरण के साथ सभी रेस्तरां वेबसाइटों को प्रदर्शित कर सकते हैं। जब डेटा कीवर्ड से मेल खाता है, तो आपने RELEVANCY की समस्या को हल कर दिया है। एक खोज इंजन के रूप में, आपको अपने उपयोगकर्ताओं को वे जो खोज रहे हैं उसके आधार पर प्रासंगिक परिणाम दिखाना होगा। अगर कोई "शहर x में रेस्तरां" खोज रहा है, तो आप "शहर x में स्कूल" नहीं दिखा सकते। आप मेटाडेटा जानकारी के साथ उस समस्या को हल कर रहे हैं। आमतौर पर ऑन-पेज जानकारी द्वारा निर्धारित किया जाता है। यदि किसी रेस्तरां की वेबसाइट में भोजन से संबंधित कीवर्ड होने चाहिए। स्कूल वेबसाइटों में शिक्षा से संबंधित कीवर्ड होंगे। इस खोजशब्द मिलान के आधार पर, आप अपने खोज उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक परिणाम दिखा सकते हैं। यदि आप अपने शहर में नंबर एक खोज इंजन बन जाते हैं, तो आप उन सभी लोगों को दिशा-निर्देश दे सकते हैं, जिनके पास वेबसाइट हैं और नई वेबसाइट बनाते हैं। आप उन्हें सही कीवर्ड्स का उपयोग करने के लिए कहेंगे ताकि आप अपने उपयोगकर्ताओं के लिए RELEVANCY की समस्या को हल कर सकें और उन्हें सही ग्राहक भेज सकें। Google जैसे खोज इंजन वेबमास्टर्स को खोज कंसोल (वेबमास्टर टूल) में अपनी सामग्री सबमिट करने के लिए दिशानिर्देश जारी करता है। आमतौर पर ऑन-पेज जानकारी द्वारा हल किया जाता है: सही कीवर्ड के साथ वेबसाइट पर सही सामग्री का उपयोग करना। ऑन-पेज डेटा और सूचना का अनुकूलन करना जिसे हम ऑन-पेज ऑप्टिमाइज़ेशन कहते हैं। लेकिन क्या यह पर्याप्त है? परिणामों की गुणवत्ता के बारे में क्या? 2 सबसे बड़ी समस्या है कि आप एक खोज इंजन के मालिक के रूप में सामना करेंगे गुणवत्ता की समस्या है। आइए "शहर के रेस्तरां में कुछ खोज करें"। आप 10 रेस्तरां सूचीबद्ध करते हैं। क्या होगा यदि आप शीर्ष पर सबसे खराब रेस्तरां और नीचे के सबसे अच्छे रेस्तरां सूचीबद्ध करते हैं? यदि आपकी सिफारिशें अच्छी गुणवत्ता की नहीं हैं, तो लोग आपके खोज इंजन का उपयोग करना बंद कर देंगे। इसलिए यह पर्याप्त नहीं है यदि खोज परिणाम अच्छे नियम के हों। आपको QUALITY का भी ध्यान रखना होगा - और यहाँ इसका मतलब है कि इसे सबसे अच्छे से बुरे में छाँटना। गुणवत्ता की समस्या को हल करने के लिए, आप उन रेस्तरां मालिकों से डेटा एकत्र नहीं कर सकते जो इन वेबसाइटों के मालिक हैं ... क्योंकि हर रेस्तरां कहता था कि वे सबसे अच्छे हैं। प्रत्येक रेस्तरां का शीर्षक "इस शहर का सबसे अच्छा रेस्तरां" होगा। हम जानते हैं कि दुनिया कैसे काम करती है, हर कोई खुद को नंबर 1 कहता है। इसलिए यह निर्धारित करने के लिए कि इन रेस्तरां में जाने वाले लोगों से गुणवत्ता डेटा एकत्र किया जाना है। बता दें कि 100 वेबसाइटों के अलावा, आपके शहर में बहुत सारे ब्लॉगर और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं। आप अनुमान लगाने की कोशिश कर सकते हैं कि उपयोगकर्ता डेटा के आधार पर सबसे अच्छा रेस्तरां कौन सा है। आप पता लगा सकते हैं कि सोशल मीडिया पर किसी रेस्तरां का कितनी बार उल्लेख किया गया है। कितनी बार ब्लॉगर्स रेस्तरां वेबसाइटों से लिंक करते हैं। यदि कोई ऐसा रेस्तरां है जिसमें कोई लिंक नहीं है या कोई उल्लेख नहीं है, तो आप मान सकते हैं कि यह रेस्तरां लोकप्रिय नहीं है। आप इसे अंतिम रूप दे सकते हैं। यदि कोई ऐसा रेस्तरां है जिसका लोग सोशल मीडिया पर उल्लेख करते रहते हैं, और यदि ब्लॉगर इससे जुड़ रहे हैं, तो आप इस रेस्तरां को शीर्ष पर रख सकते हैं। जब आप रेस्तरां वेबसाइटों को उच्च रैंकिंग दे रहे हैं जो TRULY और ईमानदारी से लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, तो आपके खोज इंजन उपयोगकर्ता आपको पसंद करेंगे। ... क्योंकि आप सही सिफारिश कर रहे हैं। यह है कि आप गुणवत्ता की समस्या को कैसे हल करते हैं। और इसे ही हम Off-page SEO कहते हैं। Google जैसे बड़े सर्च इंजन को सही सिफारिशें देनी पड़ती हैं। वे इसे उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करके करते हैं। उल्लेख की तरह, बैकलिंक्स, ब्रांड खोजों, समीक्षा, साइट पर बिताया गया समय ... और 100 अन्य कारक। डिफ़ॉल्ट नियम के रूप में, ऑफ-पेज एसईओ उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाना चाहिए, न कि वेबमास्टर्स द्वारा। इसीलिए अगर कोई बाहर जाता है तो Google खुश नहीं होता है और अपनी वेबसाइट पर खुद से बैकलिंक बनाता है। क्योंकि आप अपने लिए वोट नहीं दे सकते। वेबमास्टर्स केवल खोज इंजन को सही जानकारी देकर और वेबसाइटों पर सही कीवर्ड का उपयोग करके ऑन-पेज एसईओ की समस्या को हल करने वाले हैं। एक वेबसाइट के उपयोगकर्ता ऑफ-पेज एसईओ करेंगे। उपयोगकर्ता का व्यवहार खोज इंजनों को यह पता लगाने के लिए अंतर्दृष्टि देगा कि कौन सी वेबसाइट बेहतर है और वे इसे बेहतर रैंक देंगे। इसीलिए मैंने कभी भी किसी भी ऑफ-पेज SEO को सीधे नहीं किया। और मैं अभी भी खोज इंजन से आगंतुकों का हूँ। मैं अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री बनाता हूं, इसे सोशल मीडिया का उपयोग करके वितरित करता हूं, और विज्ञापनों का उपयोग करके अपनी ब्रांड जागरूकता बढ़ाता हूं। मैं बैकलिंक का निर्माण नहीं करता हूं। मैं बैकलिंक्स कमाता हूं। मैं ब्रांड-जागरूकता और सामग्री का निर्माण करता हूं। हमारे विचार प्रयोग पर वापस आ रहा है ... यदि आपके खोज परिणामों में छेड़छाड़ हो रही है क्योंकि कुछ रेस्तरां वेबसाइट के मालिक नकली सोशल मीडिया मेंटनेस और फर्जी ब्लॉग लिंक के माध्यम से गुणवत्ता को फीका कर रहे हैं ... तो आपको कैसा लगेगा? यही कारण है कि Google हर दिन स्मार्ट हो रहा है और यह सुनिश्चित करता है कि लोग अपनी गुणवत्ता को नकली न करें। आपकी वेबसाइट के गुणवत्ता संकेतों को पूरा करना ब्लैक-हेट एसईओ कहलाता है। यह लंबे समय तक काम नहीं करता है। एकमात्र SEO जो काम करता है वह है अच्छी गुणवत्ता की सामग्री बनाना और उसे वितरित करना। अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं को बनाएं और ग्राहकों को खुश करें। यह सुनिश्चित करने के लिए खोज इंजन की जिम्मेदारी है कि वे यह पता लगाएं कि आप सबसे अच्छे हैं। और मेरे अनुभव में, वे हमेशा उस काम को अच्छी तरह से करते हैं। Google हर सप्ताह तेजी से स्मार्ट हो रहा है, इसलिए आप अपने इच्छित सभी खोज इंजनों को गेम करने का प्रयास कर सकते हैं, और अगले अपडेट में, आपकी सभी रैंकिंग चली जाएगी। इसीलिए मैंने एक दीर्घकालिक ब्रांड बनाने का निर्णय लिया। अच्छी सामग्री बनाएँ। अच्छे उत्पाद बनाएं। अच्छी प्रतिक्रिया अर्जित करें। मुझे प्रतिदिन अपने ब्लॉग पर खोज इंजन से 1000+ आगंतुक मुफ्त में मिलते हैं। और मैंने लगातार अच्छी सामग्री प्रकाशित करके पिछले 5 वर्षों में इसे पूरी तरह से अर्जित किया है। इसलिए पुनरावृत्ति करने के लिए: खोज इंजन क्रॉलर वेबसाइटों की खोज करते हैं - सुनिश्चित करें कि आपकी साइट ऊपर है ताकि इसे खोजा जा सके। खोज इंजन क्रॉलर आपके मेटाडेटा को पढ़ते हैं और कीवर्ड के लिए आपकी साइट डेटा को स्कैन करते हैं - सुनिश्चित करें कि आपकी साइट एक विशिष्ट विषय के बारे में है, सही शीर्षक और विवरण हैं। और इसमें आपके उपयोगकर्ताओं के लिए सही सामग्री होनी चाहिए। यह खोज इंजन को उनके परिणामों पर RELEVANT वेबसाइटों को रैंक करने में मदद करता है। खोज इंजन क्रॉलर आपकी वेबसाइट की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए सोशल मीडिया उल्लेख, बैकलिंक, उपयोगकर्ता के व्यवहार जैसे कि समय व्यतीत, बाउंस दर, पृष्ठ / सत्र और 100 अन्य कारकों को देखते हैं। यह उन्हें गुणवत्ता के अनुसार अपने परिणामों पर वेबसाइटों को छाँटने में मदद करता है। ऑन-पेज एसईओ RELEVANCY के लिए है। ऑफ-पेज एसईओ गुणवत्ता के लिए है। वेबमास्टर्स ऑन-पेज एसईओ करते हैं। उपयोगकर्ता ऑफ-पेज एसईओ करते हैं। और यह समझ आपके लिए एसईओ विशेषज्ञ बनने के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आप इस मूलभूत अवधारणा को समझने में विफल रहते हैं ... आप सभी टूल, ट्रिक्स और रणनीति के साथ एक एसईओ विशेषज्ञ नहीं बन सकते। शुभकामनाएं! चीयर्स, विनीता कासनिया पंजाब पी। एस। इस ईमेल का उत्तर दें और मुझे बताएं कि क्या आपको यह ईमेल उपयोगी लगी है।

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डोमेन नाम By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ेंडाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंयह लेख domain names in the Internet के बारे में है। अन्य प्रयोगों के लिए, Domain (disambiguation) देखें।एक डोमेन नाम एक पहचान स्ट्रिंग है जो इंटरनेट के भीतर प्रशासनिक स्वायत्तता, अधिकार या नियंत्रण के दायरे को परिभाषित करता है। डोमेन नाम विभिन्न नेटवर्किंग संदर्भों में और एप्लिकेशन-विशिष्ट नामकरण और पते के उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। सामान्य तौर पर, एक डोमेन नाम एक नेटवर्क डोमेन की पहचान होता है, या यह एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) संसाधन का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि इंटरनेट तक पहुंचने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक व्यक्तिगत कंप्यूटर, एक वेब साइट की मेजबानी करने वाला एक सर्वर कंप्यूटर, या स्वयं वेब साइट या कोई अन्य सेवा इंटरनेट के माध्यम से संचार किया। 2017 में, 330.6 मिलियन डोमेन नाम पंजीकृत किए गए थे।[1]पूरी तरह से योग्य डोमेन नाम में लेबल का पदानुक्रमडोमेन नाम डोमेन नाम प्रणाली (डीएनएस) के नियमों और प्रक्रियाओं द्वारा बनते हैं। DNS में पंजीकृत कोई भी नाम एक डोमेन नाम है। डोमेन नाम DNS रूट डोमेन के अधीनस्थ स्तरों (उप-डोमेन) में आयोजित किए जाते हैं , जो कि नामहीन है। डोमेन नामों का पहला-स्तरीय सेट शीर्ष-स्तरीय डोमेन (TLD) हैं, जिनमें जेनेरिक शीर्ष-स्तरीय डोमेन (gTLD) शामिल हैं, जैसे कि प्रमुख डोमेन कॉम, सूचना, नेट, edu और org, और देश कोड शीर्ष -वेल डोमेन(CcTLDs)। DNS पदानुक्रम में इन शीर्ष-स्तरीय डोमेन के नीचे, दूसरे-स्तर और तीसरे-स्तर के डोमेन नाम हैं, जो आमतौर पर अंत-उपयोगकर्ताओं द्वारा आरक्षण के लिए खुले हैं जो स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क को इंटरनेट से कनेक्ट करना चाहते हैं, अन्य सार्वजनिक रूप से सुलभ इंटरनेट संसाधन बना या चला सकते हैं।इन डोमेन नामों का पंजीकरण आमतौर पर डोमेन नाम रजिस्ट्रार द्वारा प्रशासित किया जाता है जो जनता को अपनी सेवाएँ बेचते हैं।एक पूरी तरह से योग्य डोमेन नाम (FQDN) एक डोमेन नाम है जो DNS के पदानुक्रम में सभी लेबल के साथ पूरी तरह से निर्दिष्ट है, जिसमें कोई भाग छूटा नहीं है। परंपरागत रूप से एक FQDN DNS पेड़ के शीर्ष को निरूपित करने के लिए एक डॉट (.) में समाप्त होता है।[2] डोमेन नाम प्रणाली में लेबल केस-असंवेदनशील हैं, और इसलिए इसे किसी भी वांछित पूंजीकरण विधि में लिखा जा सकता है, लेकिन अधिकांश सामान्य डोमेन नाम तकनीकी संदर्भों में छोटे अक्षरों में लिखे जाते हैं।[3]सरल विविरण संपादित करेंडोमेन नाम एक नामकरण है जो इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग की पहचान करता है। एक डोमेन नाम अक्षर, संख्या और विशेष वर्ण जैसे किसी भी वर्ण का संयोजन हो सकता है। इसमें विभिन्न एक्सटेंशन जैसे .com, .net, .org आदि होते हैं।सभी वेबसाइट पृष्ठभूमि में एक अद्वितीय आईपी पते से जुड़ी हुई हैं। आईपी ​​एड्रेस (इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस) एक संख्यात्मक पता है जो ब्राउज़र को बताता है कि इंटरनेट में उस वेबसाइट को कहां रखा गया है।मूल रूप से, किसी भी वेबसाइट की पहचान आईपी पते से होती है। लेकिन संख्यात्मक पता होने के कारण, हम इंसानों को यह याद रखना मुश्किल है। डोमेन नाम अवधारणा को आसान बनाने के लिए शुरू किया गया था। एक डोमेन नाम एक आईपी पते के लिए एक आसान नाम है जिसे हम आईपी पते की तुलना में आसानी से याद कर सकते हैं। सरल शब्दों में, यह आईपी एड्रेस का एक मानव पठनीय संस्करण है।किसी एक डोमेन नाम की मदद से, हम एक या एक से अधिक आईपी पते पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, google.com एक डोमेन नाम है जो सैकड़ों आईपी को संदर्भित करता है। किसी विशेष वेबपृष्ठ की खोज करने के लिए URL में डोमेन नाम का भी उपयोग किया जाता है।कार्यपद्धती संपादित करेंइंटरनेट पर सभी वेबसाइटों को होस्ट या सर्वर में संग्रहीत किया जाता है। जो एक विशेष आईपी को इंगित करते हैं और यह कि आईपी एक डोमेन नाम के साथ जुड़ा हुआ है।जब भी हम किसी वेबसाइट का नाम अपने ब्राउज़र के URL बार में जोड़ते हैं, तभी वह डोमेन नाम की सहायता से सर्वर के IP को इंगित करता है, ताकि हम अपनी खोज की गई वेबसाइट और उस पर इससे संबंधित जानकारी देख सकें संगणक।यह एक चक्र की तरह है। जिसमें हम सबसे पहले अपने ब्राउज़र पर एक डोमेन लिखकर डोमेन में प्रवेश करते हैं। तब इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) सर्वर खोज करता है और हमें डोमेन नाम सर्वर, रूट सर्वर और अन्य सर्वर की मदद से उस डोमेन से संबंधित जानकारी भेजता है।डोमेन नाम के प्रकार संपादित करेंTLD - शीर्ष स्तर के डोमेन संपादित करेंशीर्ष स्तर के डोमेन (TLD) को इंटरनेट डोमेन एक्सटेंशन के रूप में भी जाना जाता है। यह किसी भी डोमेन का अंतिम भाग है, जहाँ डोमेन नाम समाप्त होता है और इसे पहली बार विकसित किया गया था। यह बहुत एसईओ के अनुकूल होने के कारण, यह वेबसाइट को आसानी से रैंक करने में मदद करता है। साथ ही, यह Google खोज इंजन को अधिक महत्व दे रहा है।TLD एक्सटेंशन का उदाहरण.com (वाणिज्यिक).org (संगठन).net (नेटवर्क).gov (सरकार).edu (शिक्षा).name (नाम).biz (व्यवसाय).info (सूचना)CcTLD - देश कोड शीर्ष स्तर के डोमेन संपादित करेंइस प्रकार के डोमेन का उपयोग किसी विशेष देश के अनुसार किया जाता है। इसका नाम किसी देश के ISO CODE (नाम के दो अक्षर) के आधार पर रखा गया है।CcTLD एक्सटेंशन का उदाहरण.Us: संयुक्त राज्य अमेरिका.cn: चीन.in: भारत.ch: स्विट्जरलैंड.rs: रूस.br: ब्राज़ीलवैसे, कई अन्य डोमेन नाम भी हैं, लेकिन हम उन्हें ब्लॉग या वेबसाइट बनाने के लिए उपयोग नहीं करते हैं। यहां तक ​​कि आप डोमेन नाम में विभिन्न अन्य भाषाओं का उपयोग कर सकते हैं।उप-डोमेन नाम संपादित करेंउप-डोमेन या सब-डोमेन किसी मुख्य डोमेन नाम का एक हिस्सा होता है। कोई भी डोमेन नाम धारक इसे कई सब-डोमेन में विभाजित कर सकता है।

डोमेन नाम By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें यह लेख domain names in the Internet के बारे में है। अन्य प्रयोगों के लिए,  Domain (disambiguation)  देखें। एक  डोमेन नाम  एक पहचान स्ट्रिंग है जो इंटरनेट के भीतर प्रशासनिक स्वायत्तता, अधिकार या नियंत्रण के दायरे को परिभाषित करता है। डोमेन नाम विभिन्न नेटवर्किंग संदर्भों में और एप्लिकेशन-विशिष्ट नामकरण और पते के उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। सामान्य तौर पर, एक डोमेन नाम एक नेटवर्क डोमेन की पहचान होता है, या यह एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) संसाधन का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि इंटरनेट तक पहुंचने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक व्यक्तिगत कंप्यूटर, एक वेब साइट की मेजबानी करने वाला एक सर्वर कंप्यूटर, या स्वयं वेब साइट या कोई अन्य सेवा इंटरनेट के माध्यम से संचार किया। 2017 में, 330.6 मिलियन डोमेन नाम पंजीकृत किए गए थे। [1] पूरी तरह से योग्य डोमेन नाम में लेबल का पदानुक्रम डोमेन नाम  डोमेन नाम प्रणाली  (डीएनएस) के नियमों और प्रक्रियाओं द्वारा बनते हैं। ...

डिजिटल मार्केटिंग की आवश्यकता क्यों होती है? (Why Digital Marketing is Required ?)By वनिता कासनियां पंजाबडिजिटल मार्केटिंग आज के समय में कैसा प्रारूप ले चुका है जिसकी आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है. क्योंकि आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग अपना एक अहम योगदान उपभोक्ता और उत्पादकों के बीच में निभा रही है. आइए जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग की मुख्य आवश्यकता के बारे में.आज के समय में इतने अधिक उत्पाद और ब्रांड बढ़ गए हैं जिसकी वजह से प्रत्येक उपभोक्ता असमंजस में रहता है कि कौन सा उत्पाद खरीदा जाए और कौन सा नहीं. अब पहले की तरह किसी भी मैसेज या फिर किसी एडवर्टाइजमेंट की जरूरत नहीं होती है. डिजिटल मार्केटिंग उपभोक्ताओं को ऐसा स्थान प्रदान करता है, जहां पर वे आसानी से प्रत्येक उत्पाद व सेवाओं के बारे में पूरी तरह से विस्तार से समझने में सक्षम हो पाते हैं. और उत्पादक भी उपभोक्ताओं की जरूरत को समझते हुए अपने उत्पादों का निर्माण करता है, और सरल तरीके से प्रत्येक उपभोक्ता तक पहुंचने में सक्षम होता है.इस प्लेटफार्म के जरिए प्रत्येक उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही वे आसानी से किसी भी उत्पाद व सेवाओं के बारे में अच्छा और बुरा पढ़कर उसको अपने जीवन में अपना सकते हैं. इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के वजह से कई सारे धोखाधड़ी और कालाबाजारी करने वाले लोग कम हो गए हैं. किसी भी प्रकार की वस्तु व सेवाओँ की खरीदारी हम ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये उचित मूल्य पर आसानी कर सकते है. वह उन वस्तुओं सेवाओं को पाकर संतुष्टि भी प्राप्त करते हैं.बाजार में बहुत सारे उत्पाद व सेवाएं मौजूद है अब किस पर विश्वास किया जाए और नहीं इसमें सबसे बेहद सहायक रास्ता डिजिटल मार्केटिंग है, जो किसी भी ब्रांड पर विश्वास कायम करने में हमारी मदद करता है. यदि उपभोक्ताओं का विश्वास किसी ब्रांड पर नहीं बनेगा, तो वे उस ब्रांड को उपयोग में नहीं ला पाएंगे. ऐसे में व्यापारियों का बहुत बड़ा नुकसान होता है, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भी क्षति पहुंच सकती है.यह एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जहां पर एक ही समय में एक ही वस्तु के कई सारे प्रकार उपभोक्ताओं के सामने प्रदर्शित किए जा सकते हैं. जिससे वे उन वस्तुओं व सेवाओं की तुलना करने के बाद अपनी जरूरत के अनुसार सबसे बेस्ट चीज चुन सकते हैं.डिजिटल मार्केटिंग के लाभ (Digital Marketing Benefits)डिजिटल मार्केटिंग के जरिए व्यापारियों व उपभोक्ताओं दोनों को ही लाभ पहुंचता है. वे किसी भी वस्तु को लेकर जागरूक भी होते हैं, व उससे आसानी से जुड़ते भी हैं. किसी भी वस्तु के लिए जागरूक और उस वस्तु पर विश्वास होने से वे अपनी मनचाही जरूरतों को आसानी से पूरा करने में मदद मिलती हैं.नई खरीदारों और नए व्यापारियों के लिए यह एक बेहतर प्लेटफार्म है जिससे वे एक दूसरे की जरूरत को समझते हुए काम करते हैं. नए व्यापारियों को यह आगे बढ़ने का मौका देता है, तो नए खरीदारों को बेहतर सेवाएं व वस्तुएं प्राप्त करने का एक उचित प्लेटफॉर्म प्रदान करता है.डिजिटल मार्केटिंग के जरिए किसी भी वस्तुओं सेवाओं के विस्तार में बहुत अधिक सहायता मिलती है, क्योंकि यदि एक व्यक्ति को वह वस्तु या सेवा अधिक पसंद आती है, तो वह अपने मित्र व सगे संबंधियों के बीच उसे आसानी से शेयर भी करता है. इससे किसी भी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं को वितरित करने में आसानी होती है.उपभोक्ताओं व उत्पादक का सीधा संपर्क होने की वजह से वह आसानी से किसी भी सेवा व वस्तु का पूरा लाभ शीघ्रता और आसानी से प्राप्त कर सकते है. सही मायने में देखा जाए तो उचित कीमत पर सही वस्तु व सेवाएं उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए एक सबसे सुगम और सरल रास्ता डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है. इसकी वजह से वे पूरी तरह संतुष्ट होते हैं और आनंद की प्राप्ति करते हैं.एक ऐसा सरल रास्ता उपभोक्ताओं और उत्पादकों के बीच डिजिटल मार्केटिंग बन चुका है जहां से आसानी से किसी भी ब्रांड की विश्वसनीयता को उपभोक्ताओं के बीच में बढ़ाने में सहायता मिलती है. व्यापारियों द्वारा निर्मित किसी भी वस्तु को अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्थापित करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है.किसी भी व्यवसाय को बढ़ाने और अपने उत्पादों को देश विदेश में पहुंचाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग सबसे अधिक किफायती और सुगम तरीका होता है. साथ में उपभोक्ता उत्पादक के बीच के संपर्क को भी बनाने मे सरलता मिलती है. यह एक ऐसा सरल तरीका है, जिसका उपयोग किसी भी देश में बैठे व्यक्ति आसानी से कर सकते हैं. यह देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार (Digital Marketing Types)मुख्य रूप से डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 2 तरीके अपनाए जा सकते हैं, जिसमें ऑनलाइन मार्केटिंग और ऑफलाइन मार्केटिंग आते हैं.ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग :- डिजिटल मार्केटिंग में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ही नहीं बल्कि ऑफलाइन प्लेटफॉर्म भी अपनी अहम भूमिका निभाता है. इसमें बिना इंटरनेट से जुड़े आप अपने व्यवसाय से जुड़ी डिजिटल मार्केटिंग आसानी से कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन सी डिवाइस का उपयोग करके आप आसानी से ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफार्म पर अपना व्यवसाय ला सकते हैं.रेडियो :- रेडियो के बारे में तो आप जानते ही होंगे जो बहुत पुराना तरीका है और सबसे आसान भी. जिस समय इंटरनेट का अविष्कार भी नहीं हुआ था उस समय से रेडियो डिजिटल मार्केटिंग में अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपनी बात आसानी से सभी उपभोक्ताओं के बीच में लाई जा सकती है. इंटरनेट के इतने इस्तेमाल के बाद भी अब तक रेडियो का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है, बल्कि बीते 10 सालों में (साल 2018 तक) रेडियो चैनल्स की कमाई 470 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है.टीवी :– टीवी तो आमतौर पर सबके घरों में मिल ही जाती है. उस पर डेली सोप्स और फिल्मों के बीच कितने प्रकार के विज्ञापन आते हैं, कि उन्हें देखकर किसी भी वस्तुओं व सेवाओं के लिए हम जल्द ही आकर्षित हो जाते हैं. अतः डिजिटल मार्केटिंग का सबसे आसान और सबसे आकर्षित तरीका मात्र टीवी ही है.मोबाइल :- ऑफलाइन तरीके में मोबाइल का इस्तेमाल करके भी डिजिटल मार्केटिंग की जा सकती है, यह एक सबसे आसान तरीका है. ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके हाथ में मोबाइल ना हो. ऐसे में ऑफलाइन तरीके से फोन करके या फिर मैसेजेस के जरिए आसानी से डिजिटल मार्केटिंग को अंजाम दिया जा सकता है.ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग :- इंटरनेट के इस्तेमाल ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को एक वृहद रूप प्रदान किया है. इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग आसानी से की जाती है. और सरलता से सभी उत्पाद व सेवाएं उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में मदद मिलती है.सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन :- इंटरनेट के इस्तेमाल ने वेबसाइट की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ा दी है. ऐसे में किसी भी वेबसाइट का स्तर बढ़ाने के लिए सर्च इंजन एक बेहतर स्थान है. किसी भी वेबसाइट पर कितने लोग आते हैं और उस विज्ञापन व उस वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट को देखते हैं या फिर पढ़ते हैं, यह सब वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए बहुत जरूरी होता है और यह ट्रैफिक लाने का सबसे आसान तरीका माना गया है. पाठकों के लिए और बहुत से उपभोक्ताओं के लिए इनके बीच में कई सारे विज्ञापन भी प्रदर्शित किए जाते हैं. वह उन सेवा व वस्तुओं तक आसानी से पहुंचने में मदद भी करते हैं.सर्च इंजन मार्केटिंग :- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए हम बिना कोई मूल्य चुकाए अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक ला सकते हैं. परंतु सर्च इंजन मार्केटिंग मतलब SEM एक ऐसा तरीका है जिस पर कुछ मूल्य चुकाने के बाद आप अपने विज्ञापनों को बड़ी-बड़ी वेबसाइट पर दिखा सकते हैं, जिससे आपको कई सारे उपभोक्ता आसानी से प्राप्त हो जाते है.पे पर क्लिक एडवरटाइजिंग (PPC) :- किसी भी प्रकार के विज्ञापन को चलाने के लिए यह बहुत आसान और सुगम तरीका है. वेबसाइट पर कुछ इस तरह के विज्ञापन प्रदर्शित किये जाते है, कि यदि कोई पाठक उस विज्ञापन पर क्लिक कर देता है तो ऐसे में वेबसाइट को एक निर्धारित मूल्य की प्राप्ति होती है. गूगल पर किसी भी प्रकार का सवाल डालने पर उससे जुड़े कई सारे जवाब हमारे सामने प्रदर्शित किए जाते हैं. और उनसे जुड़े बहुत से विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं. ऐसे में उन विज्ञापनों पर मात्र एक क्लिक करने से ही और उसके बारे में वहां पर दी हुई जानकारी देखने से उस वेबसाइट का स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति को गूगल द्वारा स्वयं ही एक राशि का भुगतान कर दिया जाता है.सोशल मीडिया मार्केटिंग :- आज के समय में किसी भी देश व किसी भी स्थान का व्यक्ति सोशल मीडिया के बिना नहीं रह सकता है. सोशल मीडिया पर बहुत सारे उत्पाद विज्ञापित किए जाते हैं और उनके जरिए आकर्षित वस्तुओं की ओर आकर्षित होकर बहुत जल्द उन्हें अपने जीवन में अपनाया भी जाता है. जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर आदि. इन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बहुत से व्यापारी अपने प्रोडक्ट्स आसानी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं. अतः उपभोक्ताओं की जरूरत उनकी इच्छा अनुसार पूरी करके कोई भी व्यापारी उनका पसंदीदा बन जाता है.कंटेंट मार्केटिंग :- कंटेंट मार्केटिंग के जरिए नियमित रूप से आने वाले पाठकों के लिए आकर्षित लेख डाले जाते हैं, जिन्हें पढ़कर वे वस्तुओं व सेवाओं के बारे में पूरी तरह से समझ पाते हैं. जिन्हें पढ़कर कोई भी उपभोक्ता आसानी से किसी ब्रांड पर विश्वास करता है और उसका नियमित कस्टमर बन जाता है. इनमें मुख्य रूप से ब्लॉग पोस्ट वीडियो ई – बुक इंफोग्राफिक पॉडकास्ट आदि सम्मिलित किए जाते हैं, जो आसानी से किसी भी ब्रांड या प्रोडक्ट के लिए वेबसाइट को प्रमोट करते हैं. ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने का यह सबसे सरल और किफायती मार्ग बन चुका है.ई-मेल मार्केटिंग :- ईमेल मार्केटिंग भी पुराने तरीकों में से एक है इसके जरिए आसानी से कोई भी व्यापारी अपने द्वारा बनाए गए उत्पादों व सेवाओं को आसानी से विज्ञापित करके उपभोक्ताओं तक पहुंचा देता है. इसमें सबसे किफायती बात यह है कि यह सबसे सस्ता और सरल तरीका है. यह एक ऐसा सुगम तरीका है जो उपभोक्ताओं को व्यापारियों से जोड़ता है, और व्यापारियों को अपने व्यापार को बढ़ावा देने में बहुत सहायता मिलती है.एफिलेटेड मार्केटिंग :- एफिलेटेड मार्केटिंग एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जो आजकल के युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सबके बीच में फैला हुआ है. यह तरीका उपभोक्ताओं तक उत्पाद तो पहुंचाता ही है, साथ ही बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करता है. घर में बैठी ग्रहणी हो या फिर रिटायर्ड हुए कोई व्यक्ति, प्रत्येक व्यक्ति रिलेटेड मार्केटिंग से आज के समय में जुड़ चुका है. मुख्य रूप से इसमें यह कार्य होता है कि कोई भी विश्वसनीय ब्रांड या प्रोडक्ट अपने सर्विस का प्रचार व प्रसार करते हैं और धीरे-धीरे उनसे कई व्यक्तियों को जोड़ लेते हैं. आगे के प्रचार व प्रसार में वे व्यक्ति उनकी मदद करते हैं जिसके बदले वे अपनी सेवाओं और वस्तुओं के विक्रय होने पर उन्हें कुछ कमीशन का भुगतान किया जाता हैं.अंत में यदि देखा जाए और समझा जाए तो डिजिटल मार्केटिंग किसी भी व्यापार को बढ़ाने और उसको उपभोक्ताओं के बीच लाने के लिए एक उचित प्लेटफार्म बन चुका है. यह उत्पादक और उपभोक्ताओं के बीच एक बेहतर और विश्वसनीय संबंध बनाने में बेहद सहायक सिद्ध हो रहा है. डिजिटल मार्केटिंग के जरिए तो धन की प्राप्ति होती ही है, साथ में कुछ ऐसे लोग भी हमसे जुड़ जाते हैं जो अपने खाली समय में धन अर्जित करने में सक्षम हो पाते हैं. व्यवसाय के विस्तार व प्रसार के लिए एक अहम प्लेटफार्म के रूप में डिजिटल मार्केटिंग को जाना जाता है. किसी भी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने का काम भी डिजिटल मार्केटिंग ही कर रहा है. इसलिए डिजिटल मार्केटिंग ने अपनी एक अच्छी खासी पकड़ व्यापारियों व उपभोक्ता के बीच बना ली है.

डिजिटल मार्केटिंग की आवश्यकता क्यों होती है? (Why Digital Marketing is Required ?) By वनिता कासनियां पंजाब डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में कैसा प्रारूप ले चुका है जिसकी आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है. क्योंकि आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग अपना एक अहम योगदान उपभोक्ता और उत्पादकों के बीच में निभा रही है. आइए जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग की मुख्य आवश्यकता के बारे में. आज के समय में इतने अधिक उत्पाद और ब्रांड बढ़ गए हैं जिसकी वजह से प्रत्येक उपभोक्ता असमंजस में रहता है कि कौन सा उत्पाद खरीदा जाए और कौन सा नहीं. अब पहले की तरह किसी भी मैसेज या फिर किसी एडवर्टाइजमेंट की जरूरत नहीं होती है. डिजिटल मार्केटिंग उपभोक्ताओं को ऐसा स्थान प्रदान करता है, जहां पर वे आसानी से प्रत्येक उत्पाद व सेवाओं के बारे में पूरी तरह से विस्तार से समझने में सक्षम हो पाते हैं. और उत्पादक भी उपभोक्ताओं की जरूरत को समझते हुए अपने उत्पादों का निर्माण करता है, और सरल तरीके से प्रत्येक उपभोक्ता तक पहुंचने में सक्षम होता है. इस प्लेटफार्म के जरिए प्रत्येक उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार उत्पा...

Apne blog ki traffic kaise badhaye Apni website ki traffic kaise badhaye *वनिता कासनियां पंजाब* अपने Blog की Traffic कैसे बढाए (How to increase your blog traffic for free) : जब भी कोई नया Blogger अपने Blog या Website की शुरुआत करता है तो शुरू के कई महीनों तक उसके दिमाग में यही प्रश्न घूमता रहता है कि अपने Blog की Traffic कैसे बढाए (How to increase your blog traffic for free), अपनी Website की Traffic कैसे बढाए (How to increase my website traffic for free)। अपने इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए वह Google में Search करता है “अपने Blog की Traffic कैसे बढाए” (How to increase your blog traffic for free) और “अपनी Website की Traffic कैसे बढाए” (How to increase my website traffic for free), लेकिन उसको सन्तोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता है। आज हम आपको विस्तार से बताएँगे कि अपने Blog की Traffic कैसे बढाए (How to increase your blog traffic for free), अपनी Website की Traffic कैसे बढाए (How to increase my website traffic for free)। किसी Blog या Website की सफलता के लिए Traffic कितना महत्तवपूर्ण है, इसे हम एक उदाहरण के द्वारा आसानी से समझ सकते हैं। मान लिया आपने एक बहुत ही अच्छी Shop खोली। आपके पास अपने Customers के लिए अच्छे से अच्छे Product हैं। आप अपने Customers को अच्छी से अच्छी Services भी देना चाहते हैं। अगर आपकी Shop पर कोई Customer न आए तो आपकी उस Shop का कोई महत्व नहीं रह जाता है। आपके सारे अच्छे से अच्छे Product और सारी Services बेकार हो जाती हैं, अगर आपकी Shop पर कोई Customer न आए। बिना Customer के आप अपनी Shop से एक पैसे की भी कमाई नहीं कर पाएँगे। ठीक यही हाल होता है उस Blogger का, जिसके पास Ideas तो बहुत अच्छे-अच्छे हैं लेकिन Traffic नहीं हो। बिना Traffic के अच्छे से अच्छा Blog भी बेकार है। Traffic के अभाव में उस Blog या Website की कोई Importance नहीं रह जाती है। जिस तरह से एक दुकानदार के लिए उसके ग्राहक Important होते हैं, ठीक उसी तरह से एक Blogger के लिए उसके Blog या Website पर आने वाली Traffic Important होती है। बिना Traffic के कोई Blogger अपने Blog से कमाई नहीं कर सकता है। उसके सारे अरमान धरे के धरे रह जाते हैं। दिन-रात वह Google में यही Search करता है कि अपने Blog की Traffic कैसे बढाए (How to increase your blog traffic for free), अपनी Website की Traffic कैसे बढाए (How to increase my website traffic for free), लेकिन उसकी समस्या हल नहीं हो पाती है। जब मैंने Blogging शुरू की थी, तब मेरे सामने भी यही समस्या आयी थी। मैं भी Google और YouTube में बस यही Search करता था कि “अपने Blog की Traffic कैसे बढाए” (How to increase your blog traffic for free) और “अपनी Website की Traffic कैसे बढ़ाए” (How to increase my website traffic for free)। जिसने जो बताया, Follow किया लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। इसके बाद मैंने खुद कुछ ऐसी Tricks अपनाईं, जिससे मुझे एक महीने में ही परिणाम मिल गया। आज मेरे 8 Blog और Websites चल रही हैं। यह Blog मेरा Latest Blog है, जिस पर आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं। मुझे Blogging की Field में काम करते हुए आज 2 साल हो चुके हैं। इस Blog को बनाने और इस Post को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद है कि अगर मेरी इस Post और मेरे अनुभव से आपकी कुछ मदद हो सके तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। अपने Blog की Traffic कैसे बढाए (How to increase your blog traffic for free) अपने Blogging के 2 साल के अनुभव से मैंने जो निष्कर्ष निकाला, वह इस Post के रूप में आपके सामने है। इस Post को पूरा पढ़कर आप भी ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएँ। 1. अपने Blog की Traffic कैसे बढाए – लम्बी Post लिखकर अगर आप अपने Blog या Website की Traffic वास्तव में बढ़ाना चाहते हैं तो अपनी हर Post को कम से कम 2000+ शब्दों में लिखें। किसी Post को 2000+ शब्दों में लिखना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन असम्भव नहीं है। अगर आपको अपने Topic की अच्छी तरह से जानकारी है तो आप उस Topic पर 2000 क्या 4000+ शब्दों में भी लिख सकते हैं। मैं अपनी किसी भी Post को कितना भी छोटा लिखूँ, वह 2000+ शब्दों में हो ही जाती है। अगर आपको Blogging का शौक है और आपको Blogging की पूरी जानकारी है तो आपके लिए किसी Post को 2000+ शब्दों में लिखना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। अब बात करते हैं कि आप अपनी Post इतनी लम्बी क्यों लिखें ? Google का साफ़ कहना है कि वह उसी Post को रैंक करता है जिसमें किसी Topic के बारे में गहराई से बताया गया हो। अब अगर किसी Topic के बारे में गहराई से बताया गया होगा तो वह Post अपने आप लम्बी हो जाएगी। अपनी Post को 2000+ शब्दों में लिखना मतलब Google को यह बताना है कि मैंने इस Topic के बारे में गहराई से बताने की कोशिश की है। ऐसे में आपकी Post के Rank होने के Chance अपने आप बढ़ जाएँगे। जैसे-जैसे आपकी Post Rank होगी, वैसे-वैसे आपकी Post पर Visitor आने लगेंगे। मतलब आपके Blog या Website की Traffic बढ़ना शुरू हो जाएगी। 2. अपने Blog की Traffic कैसे बढाए – High Quality Content लिखकर बड़ी Post को लिखना इसलिए जरूरी है क्योंकि Google इस बात पर बहुत ध्यान देता है कि किसी User ने आपकी Post पर कितना समय बिताया है। अगर आप छोटी Post लिखेंगे तो User को उस Post को पढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसकी वजाय अगर आप बड़ी Post लिखते हैं तो User को पढ़ने में ज्यादा समय लगेगा। अगर कोई User आपकी Post पर ज्यादा समय देता है तो इससे Google को यह पता चलता है कि आपने अपनी Post में High Quality Content लिखा है। इस वजह से User आपकी Post पर ज्यादा समय दे रहा है। आपकी Post पर कोई User जितना ज्यादा समय देगा, आपकी उस Post के Google में Rank होने के Chance बढ़ जाएँगे। अब इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी Post में कुछ भी लिख दें। अगर आप अपनी Post को ज्यादा लम्बा लिखने के चक्कर में कुछ भी लिख देंगे तो उससे आपको कोई फायदा होने वाला नहीं है। User आएगा और जब उसको आपकी Post में Quality Content नहीं मिलेगा तो वह जल्दी ही वापस चला जाएगा। वह आपकी Post पर ज्यादा Time नहीं दे पाएगा। इससे Google को पता चल जाएगा कि आपकी Post में Quality Content नहीं है। इसका असर यह होगा आपकी Post धीरे-धीरे पिछड़ती चली जाएगी। इसलिए Post की लम्बाई के साथ-साथ Content की Quality का भी ध्यान रखें। 3. अपने Blog की Traffic कैसे बढाए – Unique Content लिखकर अगर आप चाहते हैं कि User आपकी Post पर ज्यादा से ज्यादा समय दे तो यह जरूरी है कि आप कुछ नया लिखें, मतलब Unique Content लिखें। अगर आप वही सब लिखेंगे जो सभी ने लिखा है तो User आपकी Post पर ज्यादा Time क्यों देगा ? इसलिए आपकी कोशिश कुछ नया (Unique Content) लिखने की होनी चाहिए। देखा जाए तो Internet पर वह सब लिखना, जो पहले न लिखा गया हो, मिलना काफी मुश्किल है। फिर भी आप कोशिश कीजिए, आपकी Post दूसरों से थोड़ा अलग हो। आप अपनी Post में क्या अलग कर सकते हैं, यह आपके ऊपर निर्भर करता है। आपको अपने लेखन में कुछ रोचकता लानी होगी जिससे आप User को बाँध सकें। अपने बारे में भी थोड़ा बताइए कि आपने भी इस समस्या को Face किया था और आपने किस तरह उस समस्या का Solution निकाला। इससे User को आपसे जुड़ने में आसानी होगी। उसके मन में आएगा कि जब आप उस समस्या को Face कर चुके हैं और आप उस समस्या से निकल चुकें हैं तो वह क्यों नहीं निकल सकता है ? किसी दूसरे के Article से चुराने की कोशिश बिलकुल न करें। अपना खुद का नया (Unique Content) ही लिखें, तभी आपको कुछ फायदा होगा। 4. अपने Blog या Website पर Traffic बढ़ाने की Top Most Trick अब तक आपको पता चल गया होगा कि User का आपकी Post पर रुकना कितना जरूरी है। User आपकी Post पर ज्यादा समय दे, इसके लिए आप अपनी Post में Video भी Imbed कर सकते हैं। आप चाहें तो आवश्यकतानुसार अपनी Post में एक से ज्यादा Video भी Imbed कर सकते हैं। इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होता है। मैंने अपनी कई Post को इसी Trick से Rank करबाया है। अपनी Post में Video Imbed करने से कई फायदे होते हैं। पहला फायदा यह होगा कि User को Topic के बारे में और अच्छी तरह से समझ में आएगा क्योंकि पढ़कर समझने की अपेक्षा देखकर समझना ज्यादा आसान होता है। वह Video को देखेगा तो उसको हर एक चीज अच्छी तरह से समझ में आएगी। दूसरा फायदा यह होगा कि उस Post का Reading Time बढ़ेगा। आप इस Trick से अपनी Post का Reading Time कितना भी बढ़ा सकते हैं। मतलब इस Trick से आपकी Post बहुत जल्दी Rank होगी। 5. अपनी Website की Traffic कैसे बढाए – Keywords का Use करके Google में अपनी Post को Rank कराने के लिए अधिक से अधिक Keywords का प्रयोग करें। जो आपका Primary Keyword होगा, जिसको आप अपनी Post में Rank कराना चाहते हैं, वह आपकी Post के Title में होना चाहिए। आपकी Post के URL में होना चाहिए। आपकी Post के पहले Paragraph में कम से कम 2 से 3 बार होना चाहिए। Heading और Sub-Heading में भी होना चाहिए। Image के Alt Tag में भी वह Keyword होना चाहिए। इसके अलावा आपका Main Keyword, पूरी Post में कम से कम 2% तक होना चाहिए। देखा जाए तो किसी Post को Rank कराने में Keywords का बहुत बड़ा हाथ होता है। आपको अपनी पोस्ट में उन Keywords का Use करना है, जिनको लोग ज्यादा Search करते हों। Apne blog ki traffic kaise badhaye Apni website ki traffic kaise badhaye अपने Blog की Traffic कैसे बढाए 6. अपनी Website की Traffic कैसे बढाए – On Page SEO करके अगर आप Blogging करते हैं तो आपने SEO (Search Engine Optimization) के बारे में जरूर सुना होगा। SEO (Search Engine Optimization) दो प्रकार का होता है – On Page SEO (Search Engine Optimization) और Off Page SEO (Search Engine Optimization). इनमें से On Page SEO हमारे हाथ में होता है इसलिए पहले अपने On Page SEO पर ज्यादा ध्यान दें। आपकी Post का On Page SEO जितना अच्छा होगा, आपकी Post के Rank होने के Chance उतने ही बढ़ जाएँगे। वैसे तो किसी Post को Rank कराने के लिए दोनों प्रकार के SEO का अच्छा होना बहुत जरूरी है। अगर मैं अपनी बात करूँ तो मैं On Page SEO पर बहुत ध्यान देता हूँ। मैं आप लोगों से भी कहना चाहूँगा कि आप अपने On Page SEO पर जरूर ध्यान दें क्योंकि यह हमारे हाथ में होता है। Off Page SEO में कहीं न कहीं हमें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है और इस पर थोड़ा Time भी ज्यादा लगता है। On Page SEO में ऐसा नहीं है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है। इसे आप Post लिखते समय ही कर सकते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि आप Off Page SEO पर ध्यान न दें। उस पर भी ध्यान दें लेकिन पहले On Page SEO पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप On Page SEO पर ध्यान देते हैं तो Off Page SEO अपने आप सुधर जाएगा। लोग क्या करते हैं, जैसे ही वह 10 Post लिखते हैं, Backlinks बनाना शुरू कर देते हैं। आप ऐसा न करें। पहले अपने Content पर ध्यान दें। अगर आपका Content अच्छा होगा तो आपको Off Page SEO करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। मैं केवल On Page SEO ही करता हूँ। मेरे इस समय 8 Blog और Websites हैं। आज तक मैंने कभी Off Page SEO नहीं किया है। कभी Backlinks नहीं बनाए हैं, फिर भी मेरे Blog और Websites Rank हो रही हैं। कहने का मतलब यह है कि पहले अपने Content और On Page SEO पर ज्यादा ध्यान दें। 7. पुरानी Post को Update करके अपने Blog की Traffic बढाए अक्सर हम लोग एक गलती करते हैं। जैसे-जैसे हम अपनी नयी Post लिखते जाते हैं, वैसे-वैसे अपनी पुरानी Post को भूलते जाते हैं। अपनी पुरानी Post को हर महीने Update करना न भूलें। ऐसा करने से Google को यह Message जाता है कि आपने अपनी Post में कुछ Add या Remove किया है। इससे आपकी पुरानी Post के Rank होने के Chance बढ़ जाएँगे। समय के अनुसार हर चीज बदलती रहती है इसलिए Google का मानना है कि समय के अनुसार आपकी Post में भी बदलाव होते रहना चाहिए। जरूरी नहीं कि आप अपनी Post को Edit ही करें। आप उसको Edit करने के लिए खोलें और बिना Edit किए हुए उसे Update कर दें। इससे आपको काफी फायदा होगा। बड़े-बड़े Blogger इस चीज पर बहुत ध्यान देते हैं। 8. अपनी Website की Traffic बढ़ाने का Top & Best तरीका हो सके तो आप अपने Blog या Website को एक App में भी Convert कर लें। किसी भी Blog या Website को App में Convert करना, अब बहुत ज्यादा कठिन नहीं रह गया है। यह काम आप Thunkable के द्वारा बहुत आसानी से कर सकते हैं। अब जरूरी नहीं कि आप उस App को Play Store में भी पब्लिश करें। आप उस App को Google Drive पर भी Save कर सकते हैं। उस App के Link को अपनी हर Post में Share करें। इससे किसी भी Visitor को दोबारा आपके Blog पर आने में आसानी होगी। आपके Blog या Website का App User के Mobile में होने से एक तो उसे आपके Blog या Website को याद नहीं रखना पड़ेगा। दूसरे उसे बार-बार अपने Browser में आपके Blog या Website के Address को टाइप नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा आपकी AdMob से भी Earning होगी। अगर आप App बनाना नहीं जानते हैं तो मैं आपकी मदद कर दूँगा। 9. अपने Blog की Traffic बढ़ाने का Latest तरीका 2018 आपने देखा होगा आज ज्यादातर लोग किसी भी जानकारी के लिए YouTube की तरफ जा रहे हैं। YouTube पर देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। देखा जाए तो इसके बहुत से कारणों में से एक कारण है, किसी भी YouTube Channel को आसानी से Subscribe करना और Bell Icon को Press करना। इससे उस User को YouTube Channel के सभी Notifications आसानी से मिलते रहते हैं। जिससे वह User उस Channel से जुड़ा रहता है। जबकि Blog या Website में Blog को Subscribe करने का Option बहुत ही कम Blogger Use करते हैं। अब तो आप अपने Blog में Bell Icon का भी Use कर सकते हैं। अपने Blog में Blog को Subscribe करने और Bell Icon का Option प्रमुखता से दें। साथ ही अपनी हर Post में Blog को Subscribe और Bell Icon को Press करने के लिए YouTubers की तरह जरूर कहें। हो सके तो इसका फायदा भी बताएँ। इससे जब भी आप अपने Blog पर कोई नयी Post डालेंगे तो उसे Notification मिल जाएगा और आपके Blog पर उस User के दोबारा आने के Chance बढ़ जाएँगे। 10. अपने Blog की Traffic कैसे बढाए – Guest Post लिखकर अपने Blog या Website पर Traffic बढ़ाने का एक बहुत ही प्रचलित तरीका है – Guest Post लिखना। जब हम Guest Post लिखते हैं तो इससे हमारे Blog या Website का Traffic बढ़ता है। इसके साथ-साथ हमें एक Backlink भी मिलता है। लेकिन इस बात की कोई गारन्टी नहीं होती है कि Guest Post को पढ़कर हर User हमारे Blog पर आ ही जाएगा। Guest Post के द्वारा ज्यादा से ज्यादा Users को अपने Blog पर लाने के लिए जो तरीका मैं अपनाता हूँ, वह मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मुझे इस तरीके से बहुत फायदा हुआ है। आपको अच्छा लगे तो आप भी इसे अपनाकर इसका Result देख सकते हैं। मैं जब भी कोई Guest Post लिखता हूँ तो इस तरह से लिखता हूँ। Post का पहला हिस्सा मैं Guest Post के रूप में Submit करता हूँ। उसी Post का दूसरा हिस्सा, जो काफी Important होता है, वह मैं अपने Blog पर डालता हूँ। जो Link मैं Share करबाता हूँ, वह अपने Blog की वजाय अपनी उसी Post की करबाता हूँ। इससे लगभग सारे के सारे Users उस Post का शेष भाग पढ़ने के लिए मेरे Blog पर जरूर आते हैं। इस Trick से मुझे बहुत फायदा हुआ है। 11. How to increase my website traffic for free एक कहावत है, जो दिखता है वही बिकता है। जब तक लोग आपकी Post तक नहीं आ रहे हैं, तब तक आप अपनी Post को खुद उन तक ले जाने की कोशिश करें। मेरे कहने का मतलब है, आप अपनी Post को ज्यादा से ज्यादा Share करें। Facebook पर Share करें। Google Plus पर जरूर Share करें, क्योंकि यह Google का खुद का Product है। Social Media के अलग-अलग Platform पर अपना Page और अपना खुद का Group बना सकते हैं। अपनी Post को Social Media के उन Groups में ज्यादा से ज्यादा Share करें, जो Groups Blogging से Related हैं। ऐसा करके आप अपने Blog या Website की Traffic को बहुत ही जल्द बढ़ा सकते हैं। 12. How to increase your blog traffic for free अपने Blog या Website पर Traffic बढ़ाने का यह तरीका थोड़ा नया है। आप Popular Bloggers का Interview लेकर उसे अपने Blog में Post के रूप में Publish कर सकते हैं। हो सके तो उनकी Income के बारे में जरूर लिखें। Popular Bloggers के बारे में हर कोई जानना चाहता है, फिर चाहें वह खुद ही कितना बड़ा Blogger क्यों न हो। इसके अलावा Internet पर इस तरह की Post की संख्या बहुत ही कम है। ऐसे में आपकी Post का Google के पहले Page पर पहुँचना तय है। 13. अपने Blog की Traffic कैसे बढाए – अपने बारे में लिखकर इसके अलावा आप अपने Blog में अपने बारे में भी लिख सकते हैं क्योंकि हर इन्सान की कहानी अलग होती है। लोग आपके बारे में जरूर पढ़ना चाहेंगे। आप अपनी Income के बारे में भी लिख सकते हैं। लोग इस बात को जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं कि आप कहाँ-कहाँ से और कितना कमाते हैं ? 14. How to increase your blog traffic for free आप अन्य Bloggers के साथ अपना एक Meetup भी रख सकते हैं, जिस तरह से YouTubers रखते हैं। इससे आपको नए-नए Ideas मिलेंगे, साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोग भी आपसे जुड़ेंगे। कुछ और Tricks हैं जिनको अपनाकर मैंने अपने Blog और Websites की Traffic बढ़ाई है। समय की कमी की वजह से उन सभी Tricks को इस Post में जगह देना सम्भव नहीं है। जल्द ही मैं आपके लिए इस Post का दूसरा हिस्सा लेकर आऊँगा। मुझे पूरा विश्वास है अगर आप अपने Blog या Website की Traffic बढ़ाने के लिए इन तरीकों को अपनाएँगे तो आपकी यह समस्या हमेशा-हमेशा के लिए हल हो जाएगी कि अपने Blog की Traffic कैसे बढ़ाए (How to increase your blog traffic for free), अपनी Website की Traffic कैसे बढ़ाए (How to increase my website traffic for free)। उम्मीद है आपको हमारी यह Post जरूर अच्छी लगी होगी। अगर आपको हमारी यह Post पसन्द आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच ज्यादा से ज्यादा Share करें। अगर आपके मन में अपने Blog या Website की Traffic के सम्बन्ध में कोई Question है तो आप नीचे Comment करके हमसे पूँछ सकते हैं। हम आपकी Help जरूर करेंगे।